विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शैल्बी अस्पताल के डाक्टरों का जागरूकता अभियान
इन्दौर। विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) के उपलक्ष्य में शैल्बी अस्पताल (Shelby Hospital) द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम (awareness program) के दौरान कैंसर (cancer) जैसी भयंकर बीमारी का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने लोगों को तम्बाकू का उपयोग ना करने की सलाह देते हुए बताया कि एक सिगरेट के उपयोग से जीवन के 8 मिनट कम हो जाते हैं।
दुनियाभर में तंबाकू के दुष्प्रभावों, इससे होने वाली बीमारियों और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवास (World No Tobacco Day) मनाया जाता है। तम्बाकू के उपयोग से हृदय रोग, कैंसर (cancer), फेफड़ों से संबंधित रोग आदि जैसी कई जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। गर्भावस्था के दौरान तंबाकू का सेवन न केवल मां के लिए, बल्कि बच्चे के लिए भी खतरनाक होता है। इसके अलावा तंबाकू पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचाती है। जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव को रोकना है।
हृदय रोग से हो रहीं मौतों के लिए भी तंबाकू जिम्मेदार
चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और डायरेक्टर, कार्डियक साइंसेज सिद्धांत जैन ने बताया कि तंबाकू हृदय रोग का एक बड़ा कारण है। यह धमनियों में प्लाक के निर्माण को बढ़ाता है। हृदय रोग से होने वाली 20 प्रतिशत मौतों के लिए तंबाकू जिम्मेदार है। डॉ प्रियंका पाटगांवकर ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से अजन्मे बच्चे में ऊतक क्षति हो सकती है, खासकर फेफड़े और मस्तिष्क में।
कैंसर के 27 प्रतिशत मामले तंबाकू के सेवन से
इस अवसर पर शैल्बी हॉस्पिटल्स (Shelby Hospital) की डॉ. अर्पणा शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि तंबाकू से संबंधित कैंसर (cancer) भारत में सभी प्रकार के कैंसर (cancer) में सबसे अधिक हैं। भारत की राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री (एनसीआरआई) की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के 27 प्रतिशत मामले तंबाकू के सेवन के कारण होते हैं।