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UN के कहने के बावजूद अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी पार्लरों पर लगे ताले, जानें वजह

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में जब से तालिबान सत्ता में आया है, महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लागू कर चुका है. महिलाओं से उनके मौलिक अधिकार पर छीने जा चुके हैं. हालांकि अभी भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन महिलाओं को लेकर नए-नए फरमान सामने आ रहे हैं. अब अफगानिस्तान में महिलाओं के सभी ब्यूटी पार्लर को बंद करा दिया है. इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी चिंता जाहिर की है.

इस फैसले के पीछे तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के ‘ब्यूटी सैलून’ पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है क्योंकि ये ऐसी सेवाएं देते हैं जो इस्लाम में हराम है. इतना ही नहीं, तालिबान का दावा है कि ब्यूटी सैलून, विवाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए यह आर्थिक परेशानी का कारण बनते हैं.

4 जुलाई को तालिबान ने किया था ऐलान
खामा प्रेस के अनुसार, अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी पार्लरों को 23 जुलाई के बाद संचालित करने की अनुमति नहीं थी. गौरतलब है कि तालिबान ने 4 जुलाई को ऐलान किया था कि अफगानिस्तान में महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों को बंद कर दिया जाएगा. इस आदेश के जारी होने के बाद बीते मंगलवार से पूरे मुल्क में महिलाओं के ब्यूटी पार्लर को बैन कर दिया गया है.


संयुक्त राष्ट्र ने जाहिर की अपनी चिंता
तालिबान के इस फैसले पर चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि महिलाओं के ब्यूटी सैलून को जबरन बंद करने से महिलाओं की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने भी तालिबान अधिकारियों से ब्यूटी सैलून बंद करने के आदेश को रोकने के लिए कहा है. फरहान हक ने कहा है कि यूएन महासचिव अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के प्रयासों का समर्थन करते हैं, जिसने तालिबान से ब्यूटी सैलून बंद करने के आदेश को रोकने की अपील की है.

महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन
बता दें कि बीते बुधवार को ब्यूटी सैलून बंद करने के आदेश के खिलाफ दर्जनों अफगान महिलाओं ने विरोध किया. कुछ ब्यूटी सैलून मालिकों का कहना था कि हमारे बीच कुछ ऐसी महिलाएं हैं, जो अपने परिवार के लिए कमाने वाली हैं. ऐसे में वे अपने परिवारों का भरण-पोषण नहीं कर पाएंगी.

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