डॉक्टर्स का यह विरोध सागर में हुई एक घटना के चलते हो रहा है। सागर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर ने कोरोना की जांच के बाद लक्षणों के आधार पर मरीज को कोविड केयर सेंटर में एडमिट कर दिया। डॉक्टर के मुताबिक मरीज की स्थिति बिलकुल सामान्य थी। दूसरे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मरीज की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर ने कॉलेज प्रबंधन से मामले की जांच करवाई। कॉलेज प्रबंधन ने रिपोर्ट में डॉक्टरी जांच को बिल्कुल सही बताया। उसके बाद कलेक्टर ने कॉलेज डीन की रिपोर्ट को ना मानते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल से डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा कर दी। कलेक्टर की कर्रवाई से पूरे प्रदेश के डॉक्टर नाराज हो गए है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के सचिव डॉक्टर राकेश मालवीय का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज डीन की रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं, ऐसे तो सभी 3500 डॉक्टरों के लाइसेंस सस्पेंड कर देना चाहिए।
सागर मामले को लेकर गुरुवार से हड़ताल पर जाएंगे प्रदेश के 3500 डॉक्टर्स
डॉक्टर्स का यह विरोध सागर में हुई एक घटना के चलते हो रहा है। सागर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर ने कोरोना की जांच के बाद लक्षणों के आधार पर मरीज को कोविड केयर सेंटर में एडमिट कर दिया। डॉक्टर के मुताबिक मरीज की स्थिति बिलकुल सामान्य थी। दूसरे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मरीज की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर ने कॉलेज प्रबंधन से मामले की जांच करवाई। कॉलेज प्रबंधन ने रिपोर्ट में डॉक्टरी जांच को बिल्कुल सही बताया। उसके बाद कलेक्टर ने कॉलेज डीन की रिपोर्ट को ना मानते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल से डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा कर दी। कलेक्टर की कर्रवाई से पूरे प्रदेश के डॉक्टर नाराज हो गए है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के सचिव डॉक्टर राकेश मालवीय का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज डीन की रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं, ऐसे तो सभी 3500 डॉक्टरों के लाइसेंस सस्पेंड कर देना चाहिए।