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अफ्रीका में चलती 200 डिब्बों के साथ 4 इंजन वाली ट्रेन!, जानिए इसकी खासियत

अफ्रीकी। वैसे तो रेलवे नेटवर्क (railway network) दुनिया में ट्रांसपोर्टेशन (transportation) का सबसे पुराना तरीका है इसके बाद भी कई देशों में फास्‍ट ट्रेनों से लेकर बुलेट ट्रेनों ने जगह ले ली है, जिससे यातायात और आसान हो गया है। रेलवे नेटवर्क (railway network)  का इतिहास ग्रीस (History Greece) से जुड़ा है और 6वीं शताब्‍दी में रेल नेटवर्क होने के सुबूत मिलते हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका में चलने वाली ट्रेन में एक नहीं बल्कि 200 से अधिक डिब्‍बे होते हैं जिन्‍हें खीचने के लिए 3 से 4 डीजल इंजन लगे होते हैं, हालांकि इसका खदानों से कच्चा लोहा ढोने के लिए किया जाता है।

यह ट्रेन मॉरीतानिया के नोयाधिबू (Nouadhibou) और जुरेत (Zouerat) शहर के बीच चलती है। इस ट्रेन में 200 से 210 मालगाड़ी के डिब्‍बे लगे होते हैं। एक डिब्बा पैसेंजर के लिए होता है, लेकिन काफी लोग कच्चे लोहे के ऊपर बैठकर मुश्किल सफर करते हैं। इस ट्रेन में अफ्रीकी देश के रेगिस्‍तानी समुदाय के लोग भी सफर करते हैं. इससे 500 किलोमीटर की सड़क मार्ग की दूरी कम हो जाती है। मॉरीतानिया की राजधानी नुआकशॉट (Nouakchott) जाने के लिए लंबा चक्‍कर काटने से भी लोगों को राहत मिलती है।



यही वजह है कि मॉरीतानिया देश में रहने वाले लोग इस ट्रेन का चयन अपने सफर के लिए करते हैं, क्‍योंकि उन लोगों के लिए यह ट्रेन लाइफलाइन की तरह है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रेन में जो लोग मालगाड़ी वाले डिब्‍बों में सफर करते हैं उनको कोई पैसा नहीं देना होता है। ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को करीब 49 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन करना पड़ता है। वहीं, रात में तापमान शून्‍य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है।

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