विदेश

इस साल 8 हजार भारतीयों ने छोड़ा अपना मुल्‍क, जानिए कहा बना रहे नया ठिकाना

नई दिल्‍ली। दुनियाभर के दिग्‍गज अपना मुल्‍क छोड़कर दूसरे देशों की शरण लेने में रूचि दिखा रहे हैं। अब तो भारतीय अमीरों (indian rich) के साथ भी ऐसा देखा जा रहा है जो धीरे-धीरे भारत छोड़ विदेशों में अपना नया ठिकाना बना रहे हैं। यह खुलासा दुनियाभर के अमीरों (the rich) को विदेशों का वीजा (overseas visa) दिलाने में मदद करने वाली कंपनी हेनली ऐंड पार्टनर्स (Henley & Partners) की एक रिपोर्ट में हुआ है।

रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में भारत छोड़कर जाने वाले अरबपतियों की संख्‍या में इजाफा देखने को मिला है। कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के साथ कई करोड़पति लोग अपना देश छोड़ रहे हैं। ब्रिटेन की इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन कंस्लटेंसी कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दुनियाभर में करीब 88 हजार मिलेनियर्स ने अपना मुल्क छोड़ा है। रिपोर्ट में तो यह भी खुलासा हुआ है कि इस साल भारत से भी करीब 8000 भारतीयों ने अपना मुल्‍क छोड़ा है।

आपको बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुल्क हैं, जहां से आठ हजार करोड़पति देश छोड़कर जा चुके हैं। चीन से सर्वाधिक 15 हजार तो रूस से 10 हजार लोगों ने पलायन किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बाद इस सूची में हांगकांग चौथे और यूक्रेन पांचवें नंबर पर है। हांगकांग के तीन हजार और यूक्रेन के 2800 करोड़पतियों ने अपना देश छोड़ दिया है। वहीं, ब्रिटेन में भी 1500 करोड़पति लोगों ने अपना मुल्क छोड़ दिया है। हेनले के अनुसार, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (एचएनआई) उन लोगों को कहा जाता है जिनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर या उससे अधिक होती है।

यूएई, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर नया ठिकाना
देश छोड़कर जाने वाले ज्यादातर अरबपति संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर को अपना नया ठिकाना बना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दुनियाभर से अपना देश छोड़ने वाले अरबपतियों में से 4000 ने यूएई, 3500 ने ऑस्ट्रेलिया और 2800 ने सिंगापुर को अपना नया ठिकाना बनाया है। वहीं कुछ लोगों ने मेक्सिको, ब्रिटेन, इंडोनेशिया समेत अन्य देशों में नए तरीके से जीवन जीने की तैयारी की है। पिछले दो दशक में 80 हजार अरबपति लोग ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं।

सिंगापुर एशियाई लोगों की पहली पसंद
रिपोर्ट के मुताबिक इन अमीरों के सबसे पसंदीदा यूरोपीय यूनियन देश हैं। एशिया के अरबपतियों को सिंगापुर खूब भा रहा है। वर्ष 2022 में करीब 2800 अरबपति लोग यहां पहुंचे हैं। इसका प्रमुख कारण सिंगापुर संपत्ति प्रबंधन के मामले में एशिया के सबसे बेहतर मुल्क के रूप में उभर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर से अरबपति सिंगापुर और दुबई का रुख कर रहे हैं। यह देश एशियाई मूल के नागरिकों की पहली पसंद इसलिए भी है, क्योंकि वहां बड़ी तादाद में उनके मूल क्षेत्र के लोग यहां पहले से रह रहे हैं। इसके अलावा और सिंगापुर भी भारतीय रईसों का खूब भा रहे हैं।

भारत के लिए ये चिंता की बात नहीं: रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में भारत छोड़कर जाने वाले अरबपतियों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। भारत में करीब 3.57 लाख करोड़पति हैं। इसके अनुपात में देश छोड़ने वाले इनकी संख्या महज दो फीसदी है। वर्ष 2031 तक भारत में इनकी संख्या में 80 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।

क्‍यों बनी यह जगह पंसदीदा
अब जानते हैं कि अमीरों की यह टोली किन देशों का रुख कर रही है। रिपोर्ट कहती है कि अमीरों के पारंपरिक ठिकाने रहे ब्रिटेन और अमेरिका अब इन रइसों की पसंदीदा देशों की सूची से बाहर हो चुके हैं।

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