मुंबई। एशिया की सबसे वैभवशाली बृहन्मुंबई महानगपालिका (बीएमसी) की कार्रवाई पहले भी संदेह के घेरे में रही है और उस पर सवाल उठते रहे हैं। अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस पर बुलडोजर चलाने और बिहार से मुंबई आए पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को क्वरंटीन करने का मामला अभी ताजा है, लेकिन इससे पहले बीएमसी मलिश्का और कपिल शर्मा को भी निशाना बना चुकी है।
कपिल शर्मा ने बीएमसी के भ्रष्टाचार पर अंगुली उठाने की हिमाकत की थी। इसके बाद बीएमसी तुरंत एक्शन में आ गई थी। दरअसल, कपिल ने सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर ट्वीट किया था जिसमें ऑफिस खोलने के लिए बीएमसी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। तब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी।
कपिल ने लिखा था कि मैं पिछले पांच सालों से 15 करोड़ रुपए टैक्स दे रहा हूं। तब भी मुझे अपना ऑफिस बनाने के लिए बीएमसी के अधिकारियों को पांच लाख देने पड़ रहे हैं। उस समय बीएमसी ने उन्हें गोरेगांव स्थित फ्लैट में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस थमा दिया था। कपिल को राहत तब मिली जब उन्होंने पूरे विवाद से समझौता कर लिया।
इसी तरह जुलाई 2017 में मुंबई की रानी के नाम से मशहूर हुई रेड एफएम की आरजे मलिश्का ने बीएमसी की कार्यपद्धति और बारिश के दौरान मुंबई की सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों को लेकर एक गाना गाया था, ‘मुंबई तुला (तुम्हें) बीएमसी पर भरोसा नहीं क्या..’ और वीडियो जारी किया था, जो बहुत मशहूर हुआ था। इस पर शिवसेना के नेता मलिश्का पर टूट पड़े थे। बीएमसी के अधिकारियों ने मलिश्का के घर का निरीक्षण किया जब कोई अवैध निर्माण नहीं मिला तो घर में डेंगू के लार्वा मिलने का मामला बना दिया था।
बीएमसी सुधार समिति के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा पार्षद भालचंद्र शिरसाट कहते हैं कि शिवसेना के नेता खुले तौर पर अपना राजनीतिक हित साधने के लिए बीएमसी का इस्तेमाल करते हैं। बीते 25 साल से सत्ता में रहने के कारण बीएमसी के अधिकारी शिवसेना नेताओं की कठपुतली बन गए हैं।