भोपाल। राज्य सरकार जल्द ही बड़े कदम उठाने जा रही है। जिसमें कुछ विभागों को आपस में मर्ज करने की तैयारी है। जबकि कुछ विभागों को दूसरे विभागों से काम छीनकर दिया जाएगा। जनता से सीधे जुड़े स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग केा आपस में मर्ज करने की तैयारी है। इसका फैसला मुख्यमंत्री को कहना है। यदि विभाग मर्ज होते हैं, तेा इसका नाम स्वास्थ्य विभाग ही होगा। इसी तरह शिक्षण व्यवस्था का पूरा दायित्व शिक्षा विभाग ही संभालेंगा। अनुसूचित जनजाति विभाग के अधीन संचालिल स्कूलों को शिक्षा विभाग में मर्ज किया जाएगा। कोरोना संकट के दौरान सरकार आत्मनिर्भर मप्र पर जोर दे रही है। इसी रणनीति के तहत विभागों से अगले पांच साल तक के रोडमैप मांगे गए हैं। कुछ विभागों ने अपने-अपने रोडमैप में विभागों एवं कार्यों को मर्ज करने की सिफारिश की है। चूंकि चिकित्सा शिक्षा एवं शिक्षा विभाग का काम एक ही है। यही वजह है कि सरकार इन दोनों विभागों को मर्ज करने की तैयारी में है।
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