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Imran Khan ने फिर फैलाए China के सामने हाथ, खैरात में मिली तकनीक से Corona Vaccine बनाने की तैयारी

April 16, 2021

इस्लामाबाद। खैरात में मिलने वाली वैक्सीन से कोरोना से जंग लड़ने वाला पाकिस्तान (Pakistan) अब COVID का टीका बनाने का ख्वाब देख रहा है। हालांकि, ये ख्वाब भी वो खैरात में मिली तकनीक से पूरा करेगा। दरअसल, पाकिस्तान की इमरान खान (Imran Khan) सरकार के पास इतने पैसे नहीं है कि वो दूसरे देशों से महंगी वैक्सीन खरीद सके। कुछ दिन पहले सरकार ने यह स्पष्ट भी किया था कि वो वैक्सीन (Vaccine) नहीं खरीदेगी और दान स्वरूप मिलने वाले टीकों से ही काम चलाएगी। अब जब कोरोना (Coronavirus) की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है, तो इमरान ने वैक्सीन की तकनीक को लेकर चीन के सामने हाथ फैला दिए हैं।

Emergency इस्तेमाल की दी है मंजूरी
पाकिस्तानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के एक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर मेजर जनरल आमिर इकराम ने बताया कि उनका देश चीन (China) के सहयोग से एक खुराक वाला टीका विकसित करने पर काम कर रहा है। नेशनल एसेम्बली की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं पर स्थायी समिति के सामने बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम COVID-19 के लिए एक डोज वाली वैक्सीन बनाने जा रहे हैं। हमने पाकिस्तान में चीनी वैक्सीन कैनसाइनो बायो (CanSinoBio) का क्लीनिकल परीक्षण किया है। इस वैक्सीन को पाकिस्तान ने फरवरी में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

Chinese दल Pakistan पहुंचा
आमिर इकराम ने कहा कि पाकिस्तान कैनसाइनो बायो टीके के क्लीनिकल परीक्षण में शिरकत करने वाले पहले देशों में शुमार था। हमने चीन से इस टीके की तकनीक देने का अनुरोध किया है और वैक्सीन के लिए कच्चा माल इसी माह आने जा रहा है। आशा है कि हम अप्रैल के आखिर तक टीके की उत्पादन के लिए कुछ कदम उठा पाएंगे। इकराम ने बताया कि चीन का एक दल भी पाकिस्तान पहुंच चुका है, जो हमारी टीम पर निगरानी रखेगा। संसदीय समिति के समक्ष इकराम ने कहा कि कुछ सालों पहले बंद हो गए NIH संयंत्र को फिर चालू किया गया है।

कहीं भारी न पड़ जाए दांव
यहां गौर करने वाली बात ये है कि चीन की कोरोना वैक्सीन पर दुनिया अब तक भरोसा नहीं कर पाई है। कई देशों ने चीनी वैक्सीन इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया है। विशेषज्ञों ने भी माना है कि चीनी वैक्सीन ज्यादा कारगर नहीं है। ऐसे में इमरान खान का खैरात में मिली तकनीक पर भरोसा करना नुकसानदायक भी हो सकता है। हालांकि, ये बात अलग है कि CanSinoBIO ने फरवरी में दावा किया था कि उसकी वैक्सीन ने 65.7 फीसदी प्रभावकारिता दिखाई है। कंपनी ने कहा था कि वैक्सीन की गंभीर संक्रमण को रोकने में 90.98 फीसदी सफलता दर थी।

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