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मप्रः होशंगाबाद संभाग के साथ जिले और शहर का नाम भी हुआ नर्मदापुरम

– सीएम शिवराज ने बताया अपने चौथे कार्यकाल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
कहा- नर्मदापुरम के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, हर साल मनाएंगे गौरव दिवस

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने नागरिकों से अपील की है कि वे जहाँ रहते हैं, उस गाँव व शहर का गौरव दिवस जरूर मनाएं। गौरव दिवस किस तिथि को मनाना है यह सर्व सम्मति से तय किया जाए। आज उनका वर्षों पुराना संकल्प पूरा हुआ है और सभी नागरिकों का सपना साकर हुआ है। अब होशंगाबाद (Hoshangabad) संभाग के साथ जिला व शहर का नाम भी नर्मदापुरम (Narmadapuram) हो गया है। उन्होंने इसे अपने चौथे कार्यकाल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने जिले के बाबई का नामकरण माखननगर (Babai’s Naming Makhannagar) करने की भी घोषणा की।


मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार शाम को होशंगाबाद के सेठानी घाट पर आयोजित नर्मदा जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नर्मदा जयंती के अवसर पर अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ सायं को माँ नर्मदा का अभिषेक पूजन कर देशवासियों की सुख-समृद्धि, प्रसन्नता व कल्याण की कामना की। उन्होंने सेठानी घाट पर आयोजित समारोह का कन्या-पूजन कर शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया और उन्होंने स्वीकार कर लिया। अब होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम हो गया है। जिले, संभाग और शहर का नाम नर्मदापुरम होने की आप सभी लोगों को बधाई।

उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि प्रतिवर्ष नर्मदापुरम गौरव दिवस मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम के विकास के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद राव उदय प्रताप सिंह, विधायकगण डॉ. सीतासरन शर्मा, विजय पाल सिंह, ठाकुर दास नागवंशी, प्रेमशंकर वर्मा, म.प्र.खादी ग्रामोघोग बोर्ड के अध्यक्ष जीतेंद्र लिटोरिया, म.प्र. सामान्य वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे उपस्थित थे।

प्रकृतिक खेती व पौधारोपण कर मॉ नर्मदा का कर्ज चुकाएं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि माँ नर्मदा का प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद अर्थात जीपीडीपी में 20 प्रतिशत योगदान है। माँ नर्मदा से प्रदेश के बहुत से जिलों में पेयजल व सिंचाई का जल मिल रहा है, वहीं प्रदेश में विद्युत उत्पादन में भी माँ नर्मदा का महत्वपूर्ण योगदान है। हम नर्मदा तट वासियों का भी कर्तव्य है कि प्रकृतिक खेती करें। खेतों में रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग से नर्मदा प्रदूषित हो रही है। किसान अपने पूरे खेत में नहीं तो कम से कम एक चौथाई खेत में प्राकृतिक खेती अवश्य करें।

विशेष अवसरों पर पौधा अवश्य लगाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत एक वर्ष से वे नियमित रूप से प्रतिदिन पौधा रोपण कर रहे हैं। इसी तरह नर्मदा तट के सभी निवासी जन्मदिन, शादी की वर्षगाठ जैसे- खुशियों के अवसर पर पौधा अवश्य लगाये। उन्होंने उपस्थित नागरिकों को दोनों हाथ उठाकर पौध-रोपण व प्राकृतिक खेती करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने नागरिकों से अपील की नशा-मुक्ति व स्वच्छता के लिए सभी मिलकर अभियान प्रारंभ करें।

‘नर्मदा एक्सप्रेस-वे’ से विकास के नए द्वार खुलेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नर्मदा के उदगम अमरकंटक से लेकर गुजरात तट तक ‘नर्मदा एक्सप्रेस-वे’ बनाया जा रहा है। इस मार्ग के दोनों ओर उद्योग स्थापित किये जायेंगे। इससे विकास के नए द्वार खुलेंगे।

हम कृतज्ञ हैं
क्षेत्रीय विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने हमारे क्षेत्र के लिए बहुत कुछ दिया है। शहर का नाम नर्मदापुरम नाम किया है। हम उनके प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने 700 करोड़ दिए, जिससे सेठानी घाट की खोह भरवाई है। अब यह 100 वर्ष के लिए सुरक्षित हो गया है। रसूलिया का ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया। सीएम राइज स्कूल दिया है। दशहरा मैदान का भी डीपीआर बन चुकी है। इटारसी में बस स्टेंड और सब्जी मंडी भी तैयार हो रही है। क्षेत्र में अनेक पुलों का निर्माण मुख्यमंत्री ने कराया है।

माँ नर्मदा के जन्मोत्सव पर जगमगाए घाट और जलधारा
नर्मदा जयंती महोत्सव उमंग, उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। नर्मदापुरम वासियों ने मुख्यमंत्री चौहान के प्रति दिल से आभार व्यक्त किया। जन्मोत्सव पर मां नर्मदा के तट के प्रमुख घाटों पर विशेष विद्युत साज सज्जा की गई जिससे रंग बिरंगी रोशनी से घाट जगमग हो रहे थे। बड़ी संख्या में दीपदान किया गया। सेठानी घाट सहित अन्य घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

विशेष सजावट
सेठानी घाट को आकर्षक रूप दिए जाने के अलावा शहर के चार प्रमुख स्थानों पर विशेष साज सज्जा की गई। जिसमें सतरस्ता, जय स्तंभ, श्यामाप्रसाद मुखर्जी प्रतिमा के पास तथा इंदिरा चौक पर लाइटिंग और रंग-बिरंगी सजावट की गई जो देखते ही बन रही थी।

निर्झरणी महोत्सव ने समां बाँधा
जन्मोत्सव व पूजन अर्चन के बाद सेठानी घाट के भरत मिलाप फर्श पर सांस्कृतिक संध्या के तहत निर्झरणी महोत्सव ने समां बाँध दिया। घाट पर मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया। पवित्र मां नर्मदा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के इस निर्झरणी महोत्सव का आयोजन मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में जिला प्रशासन व नगर पालिका के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में लता सिंह मुंशी एवं साथियों द्वारा नर्मदा नृत्य-नाटिकाओं की आकर्षक प्रस्तुति की गई। कपिल शर्मा एवं साथियों द्वारा नृत्य-नाटिका के साथ ही गायन की प्रस्तुति दी गई। इन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।। (एजेंसी, हि.स.)

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