भोपाल। मध्यप्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों पर पैनी नजर (Keeping an eye on terrorist activities) रखने के लिए जल्द ही शनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) अपना नया कार्यालय राजधानी भोपाल में खुलने जा रहा है।
बता दें कि आतंकवादी संगठन सिमी की घुसपैठ, राजधानी भोपाल में सिमी आतंकियों का जेल ब्रेक और फिर बांग्लादेशी आतंकियों की गिरफ्तारी ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के कान खड़े कर दिए हैं। शांति के टापू मध्य प्रदेश पर आतंकी संगठनों का नया ठिकाना बनता जा रहा है। इसे रोकने के लिए अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी अपना दफ्तर भोपाल में खोल रही है। NIA अधिकारियों ने इस सिलसिले में डीजीपी सुधीर सक्सेना से मुलाकात भी की।
बताया जा रहा है कि भोपाल में एनआईए अपनी नई ब्रांच खोल रही है। इस ब्रांच में एनआईए के अधिकारी बैठेंगे। आईजी या फिर डीआईजी रैंक के अधिकारी इस ब्रांच के प्रमुख रहेंगे। एनआईए की देश में ये 13वीं ब्रांच है जो एमपी में खोली जा रही है। मध्यप्रदेश में फैले आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के NIA ने अपना ये नया ठिकाना बनाया है। बांग्लादेशी आतंकी केस की जांच कर रही एनआईए को कई बड़े इनपुट मिले हैं।
आतंकियों के लिए मध्यप्रदेश नया सॉफ्ट टारगेट है। यहां पर भले ही वे किसी बड़ी घटना को अंजाम न दें, लेकिन यहां पर बैठकर वो देश भर में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में भोपाल में बांग्लादेशी आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार कर जांच शुरू की थी, लेकिन मामला अंतर्राष्ट्रीय होने की वजह से एनआईए ने जांच अपने हाथों में ली। अब इस पूरे मामले की जांच एनआईए कर रही है।
विदित हो कि जमात-ए-मुजाहिद्दीन (JMB) प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। इन्हें भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र से एमपी एटीएस ने पकड़ा था। जिस वक्त इन्हें पकड़ा गया, उस वक्त ये सभी रिमोट बेस स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। इस स्लीपर सेल के जरिए देश विरोधी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश थी। इन आतंकियों के नाम फजहर अली, मोहम्मद अकील, जहूर उद्दीन और फजहर जैनुल हैं।
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