
कोलंबो: श्रीलंका (Sri lanka) के सेंट्रल बैंक के प्रमुख गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे ने बुधवार को कोलंबो में संवाददाताओं से कहा कि यदि दो दिनों के भीतर नई सरकार की नियुक्ति नहीं की जाती है तो अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी. एएफपी ने यह जानकारी दी है. वीरसिंघे ने कहा कि कोई भी इसे बचाने में सक्षम नहीं होगा. राजनीतिक स्थिरता बहाल करनी होगी. उन्होंने कहा कि देश में सबसे पहली जरूरत नई सरकार की है. इधर, तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ( Sajith Premadasa) को नया प्रधानमंत्री बनाने की खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि बाकी है.
इस बारे में कहा जा रहा है कि साजिथ तभी देश की कमान अपने हाथों में लेंगे, जब राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपने पद से इस्तीफा दे दें. गोटबाया, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के भाई हैं. महिंदा राजपक्षे (76) ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके समर्थकों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के कुछ घंटे बाद अधिकारियों ने देशव्यापी कर्फ्यू लगाया था और राजधानी में सेना के जवानों को तैनात किया.
इस हमले के बाद राजपक्षे समर्थक नेताओं के खिलाफ व्यापक हिंसा शुरू हो गई थी. यहां सोमवार से ही हालात बिगड़े हुए हैं. हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 300 लोग घायल बताए गए हैं. वहीं, दंगाइयों ने 88 वाहनों के साथ ही 100 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया है. राजधानी कोलंबो समेत कई शहरों में सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं और दंगाइयों को गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं.
श्रीलंका में हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं. देश में आपातकाल लगा हुआ है और महंगाई अब तक के सबसे भयानक स्तर पर पहुंच गई है. आजाद होने के बाद से श्रीलंका में पहली बार ऐसा अभूतपूर्व संकट देखा गया है. यहां श्रीलंकाई रुपये की कीमत लगातार गिर रही है. मार्च में श्रीलंका में 1 डॉलर की कीमत 201 श्रीलंकाई रुपये थी जो अब 360 श्रीलंकाई रुपये से अधिक हो चुकी है. यहां महंगाई दर 17 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर चुकी है. लोगों को दूध- चावल और तेल के लिए परेशान होते देखा जा सकता है.
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