नई दिल्ली। केरल (Kerala) के बाद कर्नाटक (Karnataka), तमिलनाडु (Tamil Nadu) और उड़ीसा (Orissa) में भी टोमेटो फ्लू (Tomato flu) के केस सामने आए हैं. जानकारी के अनुसार अब तक 82 लोग (82 people) इसकी चपेट में आ चुके हैं जिनमें बच्चे भी टोमेटो फ्लू के शिकार हुए हैं. जानकारों का कहना है कि टोमेटो फ्लू के शिकार लोगों को शरीर में अकड़न, जोड़ों में दर्द, बुखार उल्टी होना स्किन इरिटेशन होना आम लक्षण हैं. इसके बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी गाइडलाइन जारी कर दी है।
क्यों कहते हैं इसे टोमेटो फ्लू!
आमतौर पर बच्चों में होने वाले शरीर पर लाल तरह के छाले पड़ते हैं जो बाद में बड़े होकर टमाटर की शेप में दिखते हैं इसलिए इस फ्लू को टोमेटो फ्लू कहा जाता है. छोटे बच्चों में हैंड फुट, माउथ डिजीज काफी का मन होता है यही वजह है कि टोमेटो फ्लू के बारे में कहा जा रहा है कि एक छोटे बच्चे जल्दी और ज्यादा इसके शिकार हो रहे हैं। वैसे इस तरह के डिजीज 10 साल से कम उम्र के बच्चों में होता है लेकिन टोमेटो फ्लू के बारे में कहा जा रहा है कि ये उससे ऊपर के उम्र के लोगों में भी हो सकता है.जिनकी इम्युनिटी कमजोर है।
क्या है इसके लिए बचाव
सैनिटाइजेशन इसके लिए सबसे बढ़िया बचाव है.अगर किसी को ये बीमारी हो जाती है तो सबसे पहले उसको 5 से 7 दिन का आइसोलेशन में डालना चाहिए. इसके साथ ही मरीज को पूरी तरीके से रेस्ट लेना चाहिए और साथ में बहुत सारा फ्लूड लेना चाहिए। गर्म पानी से स्किन पर स्पॉन्ज करने से स्किन में इरिटेशन कम होता है इसलिए ऐसे मरीज जिन्हें यह बीमारी हुई है उनके लिए ज्यादा जरूरी है कि गुनगुने पानी से शरीर पर स्पंज करें।
जानकारों का कहना है कि बच्चों को रूमाल के इस्तेमाल के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करें. शरीर के जिस भी अंग पर छाले पड़े हो उसको बहुत ज्यादा नहीं खरोचें. बच्चों के कपड़ों को अच्छी तरीके से साफ करें. इस बीच बच्चों को न्यूट्रीशिव्स डाइट दें. उन्होंने बताया कि गले से सैंपल लेकर और उसे लैबोरेट्री भेजकर इस बात की जांच की जा सकती है कि मरीज को टोमैटो प्लू हुआ है अथवा नहीं।
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