
जबलपुर। बिशप में रूप में शैक्षणिक संस्थाओं (educational institutions) की राशि के दुरुपयोग तथा मिशन की सम्पत्ति का फर्जीवाड़ा (property fraud) करने के आरोपी पीसी सिंह (PC Singh) को ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश ए अली (Judge A Ali) ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। चार दिन की रिमांड समाप्त होने के बाद ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया था। पूर्व बिशप पर ईडी ने भी अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किए गए चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के जबलपुर डायोसिस के बिशप के बारे में मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से कुछ जानकारी मांगी है।
ईओडब्ल्यू की टीम ने 8 सितंबर को बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी। दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपये नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाड़ियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। दबिश के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर था। ईओडब्ल्यू ने पूर्व बिशप को नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर 12 सितंबर को न्यायालय में पेश किया था। ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए पीसी सिंह को चार दिन के रिमांड पर लिया था।
रिमांड के दौरान पीसी सिंह ने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी। इसके अलावा मिशन कम्पाउण्ड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी। बिशप रहते हुए उन्होंने जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं खरीद ली। उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 99 मामले दर्ज हैं।
सबसे अधिक 42 मामले उत्तरप्रदेश में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा राजस्थान में 24 प्रकरण, महाराष्ट्र में 11, पंजाब में 6, एमपी में 4, छत्तीसगढ़ में 3, दिल्ली में 3 व झारखंड में 3 प्रकरण दर्ज हैं। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू देवेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि ईडी ने बिशप पीसी सिंह से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। ईडी ने कौन से दस्तावेज मांगे हैं, इस संबंध में उन्होंने जानकारी देने से इनकार कर दिया।
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