
नई दिल्ली । भारत (India)और पाकिस्तान(Pakistan) के बीच हुए सीजफायर (ceasefire)को लेकर ट्रंप की बयान बाजी(Trump’s rhetoric) ने भारत में राजनीति तेज (Politics intensifies)कर दी है। इसी बीच ट्रंप के साथ दोहा में मौजूद वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया है कश्मीर से आए एक वेटर ने उनसे, भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे टकराव को खत्म कराने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद देने को कहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कतर की राजधानी दोहा पहुंची कैरोलिन लैविट ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “आज सुबह दोहा में नाश्ते पर एक वेटर ने मुझसे राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद देने के लिए कहा। जब मैंने उससे इसकी वजह पूछी तो उसने मुझे बताया कि वह कश्मीर से है.. और मौजूदा दौर में चल रहे भारत-पाकिस्तान संघर्ष की वजह से हाल के हफ्तों में अपने घर नहीं लौट पाया है। हालांकि जब से राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मामले को शांत करवाया है तो अब वह वापस अपने घर जा सकता है। उसने दावा किया कि यह राष्ट्रपति ट्रंप, उपराष्ट्रपति वेंस की वजह से ही संभव हुआ है।”
केरोलिन लैविट ने दावा करते हुए लिखा, “उसने मुझसे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को एक परमाणु युद्ध रोकने का सही श्रेय नहीं मिल रहा है। वास्तव में उन्होंने कई लाख लोगों की जान बचाई है।”
हालांकि लेविट की तरफ से यह नहीं बताया गया कि वह नागरिक कश्मीर के किस हिस्से से है।लैविट ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप को दुनिया भर के तमाम संघर्ष विरासत में मिले हैं। वह एक-एक करके सभी संघर्षों से निपट रहे हैं। मिडिल-ईस्ट की इस ऐतिहासिक यात्रा ने इस क्षेत्र में अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को आगे बढ़ाएगा। यही यात्रा मध्य-पूर्व में एक स्वर्ण युग की शुरुआत करेगा। लेविट ने लिखा कि शांति, शक्ति के माध्यम से बहाल हो रही है।
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ गया था। दोनों देशों ने एक-दूसरे के ऊपर रॉकेट्स और मिसाइलों से हमला किया, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों ने सीजफायर करने का फैसला लिया। हालांकि ट्रंप की तरफ से पहले ही इसकी घोषणा कर दी गई। इससे भारत में राजनीति तेज हो गई क्योंकि शिमला समझौते के बाद भारत की नीति स्पष्ट रही है कि पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय बातचीत होगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले 6 दिनों में कई बार इसका दावा किया है कि उन्होंने या उनकी टीम ने मध्यस्थता करवाई है या मध्यस्थता करने में मदद की है। हालांकि भारत की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि इसमें किसी तीसरे की भूमिका नहीं रही है।
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