
नई दिल्ली । पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम (Former Home Minister P. Chidambaram) ने कहा कि अफजल गुरु की फांसी को लेकर अमित शाह का बयान (Amit Shah’s statement on Afzal Guru’s Hanging) तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है (Is factually completely Wrong) । अमित शाह के इस बयान को पी. चिदंबरम ने ‘तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’ बताया है।
पी. चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि अफजल गुरु की पत्नी ने अक्टूबर 2006 में राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। यह याचिका 3 फरवरी 2013 को खारिज हुई, जिसके बाद 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फांसी दी गई। वे 1 दिसंबर 2008 से 31 जुलाई 2012 तक गृह मंत्री थे और इस दौरान याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित थी। कानून के अनुसार, दया याचिका के निपटारे तक फांसी नहीं दी जा सकती।
चिदंबरम ने शाह के बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए कहा कि यह बयान राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा है। उन्होंने तथ्यों के आधार पर स्थिति स्पष्ट करते हुए सरकार से ऐसी बयानबाजी से बचने की अपील की। राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब देते हुए कहा था कि जब तक पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री रहे, तब तक अफजल गुरु को फांसी नहीं हुई। कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को देश की जनता देख रही है। इन लोगों की प्राथमिकता देश की सुरक्षा नहीं, बल्कि राजनीति है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस की प्राथमिकता कभी भी आतंकवाद को समाप्त करना नहीं रही, बल्कि इन लोगों ने हमेशा से ही वोट बटोरने के बारे में सोचा।
अमित शाह ने पी. चिदंबरम के बयान का जिक्र करते हुए कहा था कि वो कह रहे हैं कि क्या सरकार के पास सबूत हैं जिससे यह जाहिर हो सके कि आखिर पहलगाम आतंकी हमले को पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया। मैं पी. चिदंबरम से यह सवाल पूछना चाहता हूं कि आखिर वो इस तरह का बयान देकर क्या पाकिस्तानी आतंकवादियों को बचाना चाहते हैं?
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