वाशिंगटन। अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन ने अर्थव्यवस्था को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है। बीते कुछ महीनों में उसने भारत, चीन, ब्राजील (India, China, Brazil) समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। इसके कारण अब दुनिया की भूराजनीतिक स्थिति के अलावा तमाम समीकरण भी बदलते दिख रहे हैं। लंबे समय से एक-दूसरे के मुकाबले खड़े रहने वाले कई देश भी अब करीब आते दिखे हैं, इनमें सबसे चर्चित हैं भारत और चीन। यही नहीं अब चीन ने पुतिन, नरेंद्र मोदी और अर्दोआन के साथ मीटिंग का फैसला लिया है। इसके अलावा उससे पहले अमेरिका पर तीखा तंज भी कसा है।
चीन के उप-विदेश मंत्री लियू बिन ने शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग से पहले अमेरिका का नाम लिए बिना ही निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक देश है, जो अपने हितों को दुनिया में सबसे ऊपर रखता है और उसके लिए शांति को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा कि एक देश अपने राष्ट्रीय हितों को दूसरों के हितों से ऊपर रखता है, जिससे वैश्विक शांति को खतरा है। शंघाई सहयोग संगठन को चीन एक ऐसे मंच के तौर पर इस्तेमाल करता है, जिससे एशिया समेत दुनिया की कूटनीति में अपनी बढ़त कायम कर सके।
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और व्यापार नीतियों ने कई देशों को अमेरिका के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया है। ऐसे में SCO का मंच इन देशों के लिए एक नया विकल्प पेश करता है। हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर संबंधों में सुधार के संकेत मिले हैं, जो इस तरह के बहुपक्षीय मंचों पर आपसी संवाद का परिणाम हो सकता है।
शुरुआत से ही SCO का मेंबर है रूस, अब ईरान और भारत भी हैं हिस्सा
SCO की स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। इसके बाद इसमें भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस भी शामिल हो गए, जिससे इसकी सदस्यता लगभग दोगुनी हो गई। सहायक विदेश मंत्री लियू बिन ने बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस शिखर सम्मेलन में संगठन के विकास के लिए कई नई पहल और कार्य योजनाओं की घोषणा करेंगे। इसके अलावा, सदस्य देशों के नेता “तियानजिन घोषणा” पर भी हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें अगले 10 वर्षों के लिए SCO की विकास रणनीति को मंजूरी दी जाएगी। इस घोषणा से यह स्पष्ट होगा कि SCO सिर्फ एक क्षेत्रीय संगठन नहीं, बल्कि एक ऐसे समूह के रूप में उभर रहा है जो वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार करना चाहता है।
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