
डेस्क: केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple) में सोने की परत (Golden Layer) चढ़ाने के काम में हुई गड़बड़ियों पर बड़ी कार्रवाई की है. कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को वैज्ञानिक (Scientist) जांच की इजाजत दी है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि असल में मंदिर के सोने का कितना हिस्सा गायब या गबन हुआ है. SIT अब अलग-अलग जगहों से सोने के सैंपल जुटाएगी और जांच करेगी कि मंदिर की मरम्मत और सजावट के दौरान कितना सोना “खो गया” या “गायब कर दिया गया.”
कोर्ट ने ये भी मंजूरी दी है कि नए लगाए गए श्रीकोविल (मुख्य गर्भगृह) के दरवाजे की भी जांच की जाए, क्योंकि शक है कि उसे बदलने के दौरान भी बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ. ये आदेश तब आया जब SIT ने हाई कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि ठेकेदार उन्नीकृष्णन पोट्टी पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिन्हें त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) के अधिकारियों ने जरूरत से ज्यादा छूट दे दी थी.
SIT अब एन. वासु, जो देवस्वम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं, उनसे पूछताछ करेगी. ज्यादातर सोने की परत चढ़ाने का काम उनके कार्यकाल में हुआ था. सूत्रों का कहना है कि वासु इस केस में चौथे आरोपी के रूप में सामने आ सकते हैं.
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