जबलपुर। वंदे मातरम (Vande Mataram) को गैर इस्लामिक बताने की बहस के बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) का बयान सामने आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े इस संगठन ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ गाना इस्लाम के खिलाफ नहीं है, और इसका विरोध करने वाले लोग मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रीय गीत के वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे।
मुद्दीन ने आगे कहा, “मुसलमानों को वंदे मातरम् कहने पर गर्व महसूस करना चाहिए और इसे गर्व के साथ पढ़ना चाहिए।” मुद्दीन ने दावा किया कि आज़ादी से पहले, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद और अन्य प्रमुख मुस्लिम नेता गर्व के साथ वंदे मातरम् का पाठ करते थे। लेकिन आजादी के बाद, कुछ अलगाववादी तत्वों ने समुदाय को गुमराह करने और उसे राष्ट्रीय मुख्यधारा से दूर रखने की कोशिश की है। मुद्दीन ने यह भी बताया कि 2006 में जब वह मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने इस गीत का अनुवाद कराया था और उसे राज्य भर के सभी बोर्ड से रजिस्टर्ड मदरसों और मुसलमानों के बीच वितरित करवाया था।
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