
नई दिल्ली । दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Blast)में डॉ. शाहीन (Dr. Shaheen)की भूमिका सामने आई है। शाहीन ही नहीं, आकाओं की लिस्ट(List of mentors) में कई और लेडी मास्टरमाइंड (Lady Mastermind)का नाम भी है। दरअसल, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने में लगे आतंकी आकाओं की फेहरिस्त में भी अब लेडी मास्टरमाइंड अहम भूमिका में नज़र आने लगी हैं। कभी ये आंका अपनी टीम की महिलाओं को हनीट्रैप के लिए इस्तेमाल करते थे लेकिन अब महिलाओं को मुख्य कमाण्डर के तौर पर भर्ती कर रहे हैं। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से इसकी शुरुआत बताई जाती है। भारत में इन लेडी मास्टरमाइंड ने खुफिया एजेन्सियां, एटीएस और एनआईए तक को अपनी दुस्साहसिक कार्यशैली से चौंका दिया है।
दिल्ली विस्फोट में टापर रही डॉ. शाहीन मुख्य भूमिका के तौर पर सामने आई। एमबीबीएस-एमडी कर चुकी शाहीन ने अपराध के इस दलदल में अपने हर कदम को सुनियोजित तरीके से चला। खुफिया एजेन्सी के अधिकारी स्वीकारते हैं कि शाहीन फरीदाबाद से सहारनपुर, जम्मू-कश्मीर से लखनऊ और फिर पड़ोसी देशों तक अपनी साजिश के जाल बुनती रही। पाक समर्थित आतंकवादी संगठनों के इशारे पर उसने वह सब किया जो वह चाहते थे।
नीतू उर्फ नसरीन धर्मांतरण की मास्टरमाइंड रही
बलरामपुर जैसे छोटे जिले में अवैध धर्मातरण का बड़ा नेटवर्क खड़ा करने वाले जलालु्द्दीन उर्फ छांगुर ने अपने आकाओं के कहने पर मुम्बई में रहे नवीन रोहरा के परिवार को फंसाया। फिर उसने भी नवीन की पत्नी नीतू का धर्मांतरण कराकर उसे नसरीन नाम दिया। नसरीन का इस तरह से ब्रेनवॉश किया कि वह छांगुर के कहने पर देशी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने लगी। इस गिरोह में मुख्य भूमिका के तौर पर वह उभरी।
एसबी कृष्णा पहले बनी आयशा, फिर गिरोह की कमांडर
आगरा पुलिस ने धर्मातरण कर रहे एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया। कोलकाता से जब गिरोह की कमाण्डर आयशा को पकड़ा तो सब चौंक गए थे। आयशा का पहले नाम एसबी कृष्णा था। वह गोवा में रही, वर्ष 2020 में उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से एमएससी डाटा साइंस की पढ़ाई की। इस दौरान ही वह कश्मीरी छात्राओं के सम्पर्क में आई। फिर आतंकी संगठन के अब्दुल रहमान ने उसे अपने जाल में फंसा, धर्म परिवर्तन कराकर आयशा बना दिया। अब्दुल रहमान जब जेल गया तो आयशा ही गिरोह की कमाण्डर बनकर धर्मांतरण गिरोह का संचालन करने लगी थी।
मुम्बई में दाऊद की बहन हसीना का दबदबा रहा
90 के दशक में मुम्बई बम कांड के बाद डान दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान भाग गया था। वह भारत में मोस्ट वान्टेड है। उसके जाने के बाद मुम्बई में लम्बे समय तक उसकी बागडोर बहन हसीना पारकर ने संभाली। बेहद दुस्साहसी रही हसीना के आगे बड़े-बड़े अपराधी भी कांपते थे। उसके पति की हत्या कर दी गई थी। छह जुलाई, 2014 को हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई थी। इसी तरह आतंकी गतिविधियों के अलावा अंडरवर्ड में मुख्तार, अतीक और अशरफ (तीनों मृत) की पत्नियां भी चुनौती बनी हुई हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved