
नई दिल्ली: बांग्लादेश की इंटरनेशनल कोर्ट ने शेख हसीना को दोषी करार दिया है और उन्हें फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने शेख हसीना और उनके दो शीर्ष सहयोगियों पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून तीनों को सजा-ए-मौत सुनाई है. शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं. अब सवाल उठता है कि जब वो भारत में हैं तो उन्हें फांसी की सजा कैसे दी जाएगी?
कोर्ट ने हसीना को पिछले साल हुए जुलाई विद्रोह का दोषी माना है. शेख हसीना के खिलाफ जुलाई विद्रोह में निहत्थे नागरिकों पर गोली चलवाने का आरोप है. कोर्ट ने हसीना पर 6 हिस्सों में 453 पेज का फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा, हसीना के अपराध मनावता के खिलाफ हैं.
इस फैसले में कहा गया है कि हसीना जनवरी 2024 के बाद से ही तानाशाह बनने की ओर अग्रसर हो गई थीं. जनवरी 2024 के चुनाव में उन्होंने विपक्ष को कुचला. इसके बाद जब छात्र सड़कों पर उतरे तो उन पर गोलियां चलवाई गईं. कोर्ट ने हसीना को कई अपराधों का दोषी माना है और यह बड़ा फैसला सुनाया है.
अब सवाल उठता है कि शेख हसीना दोषी करार की गई हैं तो अब आगे क्या होगा? दरअसल, शेख हसीना देश में तख्तापलट होने के बाद से ही भारत में हैं. इसी के चलते अब इस मामले में भारत एक अहम भूमिका निभाएगा. शेख हसीना को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल के जरिए सरकार गिरफ्तारी वारंट जारी करेगी.
अब शेख हसीना को गिरफ्तार करने के लिए सरकार इंटरपोल के जरिए गिरफ्तारी वारंट जारी करेगी. इंटरपोल यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन, दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय पुलिस संस्था है. यह 194 सदस्य देशों की पुलिस को जोड़कर अंतरराष्ट्रीय अपराधों से लड़ने में मदद करती है. इंटरपोल देशों की पुलिस को एक-दूसरे के साथ काम करने में मदद करता है, चाहे उन देशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध हों या न हों.
सरकार शेख हसीना को पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद लेगी और इंटरपोल शेख हसीना के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय नोटिस (जैसे रेड नोटिस) जारी करेगा. बांग्लादेश सरकार इंटरपोल को अनुरोध भेजेगी कि शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जैसा) जारी किया जाए.
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