वीजिंग। आपने अखबारों में वधु चाहिए… वर चाहिए… (I want a bride… I want a groom.) विज्ञापन काफी देखे होंगे। लेकिन क्या आपने कभी बेटी चाहिए वाला विज्ञापन देखा है? नहीं देखा होगा क्योंकि बेटियां पैदा होती हैं… गोद ली जाती हैं… पर कभी ऐसे नहीं रखी जातीं। लेकिन चीन में एक महिला ने ऐसा ही किया है। उसने विज्ञापन निकलवाकर अपनी खुद की बेटियों की जगह पर एक ‘बेटी’ को नौकरी पर रखने की पेशकश की है। इसके लिए उसने करीब 420 डॉलर मासिक यानी करीब 37 हजार रुपए की तनख्वाह और रहने के लिए एक फ्लैट भी देने का फैसला किया है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के हेनान प्रांत की रहने वाली इस महिला का नाम मा है। उन्होंने एक स्थानीय टीवी कार्यक्रम में यह विज्ञापन दिया है। इसी विज्ञापन में उन्होंने अपनी इस खोज के पीछे की वजह भी बताई है। रिपोर्ट के मुताबिक मा की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी ने उनसे सभी संबंध खत्म कर लिए हैं, क्योंकि उसके साथ मा का पोती के पालन-पोषण को लेकर विवाद हो गया था, जबकि छोटी बेटी मानसिक रूप से बीमार है, जिसकी वजह से वह अपनी देखभाल खुद नहीं कर सकती।
मा की बड़ी बेटी का कहना है कि वह बेरोजगार है। ऐसे में वह मा का ख्याल नहीं रख सकती है और न ही उसे मा से कोई लेना देना है।
बेटी के लिए दिए गए इस विज्ञापन में मा ने कहा कि वह अस्थमा से पीड़ित है। ऐसे में उसे एक ऐसी लड़की चाहिए… जो उनकी देखभाल करे… उन्हें अस्पताल ले जाए और उन्हें एक बेटी जैसा स्नेह दे। इसके बदले में वह उसे अपनी संपत्तियों में से एक फ्लैट और उसका पूरा सामान। इसके अलावा 420 डॉलर की पेंशन देने के लिए भी तैयार हैं। इसके लिए वह इसका कॉन्ट्रैक्ट भी करने को तैयार हैं।
मा के द्वारा दिए गए इस विज्ञापन के बाद चीनी सोशल मीडिया पर लोग दोनों तरह की बातें लिख रहे हैं। कुछ लड़कियां इसमें रुचि दिखा रही हैं तो कुछ ने मा के ऊपर सवाल उठाए हैं। एक व्यक्ति ने लिखा,”ऐसा लगता है कि वह किसी को अपनी और अपनी छोटी बेटी दोनों की देखभाल करने को कह रही है।” एक और ने लिखा कि प्रॉपर्टी के गिरते भावों और जो पैसा वह दे रही है उसके लिए दो लोगों की सेवा करने के लिए नेनी नहीं रखी जा सकती।”
पेशे से वकील एक व्यक्ति ने कहा कि मा के बूढ़े होने पर उनकी देखभाल की व्यवस्था करना उनकी बड़ी बेटी का दायित्व है। उत्तराधिकार कानून से अलग होकर वह इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।
गौरतलब है कि चीन में मा जैसे बुजुर्ग लोगों की कमी नहीं है। 2021 में हुए एक सर्वे के मुताबिक चीन के सिविल अफेयर्स मंत्रालय ने बताया कि चीन में 60 साल ले ज्यादा के 60 फीसदी बुजुर्ग अकेले रहते हैं। ऐसी स्थिति ने किराए पर लिए गए बेटे या बेटी के प्रचलन को बढ़ावा दिया है। यह लोग बुजुर्गों के लिए सामाजिक और भावनात्मक साथी के रूप में काम करते हैं।
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