
मुंबई। ठाकरे बंधु (Thackeray Brothers) बीएमसी चुनाव (BMC Election) के लिए साथ आए हैं। बुधवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने शिवसेना यूबीटी और मनसे के गठबंधन का एलान किया। हालांकि सीएम फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) के एक बयान से लग रहा है कि भाजपा ने ठाकरे बंधुओं के इस गठबंधन को कोई तवज्जो नहीं दी है। सीएम फडणवीस ने कहा, ‘शिवसेना यूबीटी और मनसे के गठबंधन को ऐसे प्रचारित किया जा रहा है, जैसे रूस और यूक्रेन साथ आ गए हो और जेलेंस्की और पुतिन बातचीत कर रहे हो।’
मुख्यमंत्री ने शिवसेना यूबीटी और मनसे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दोनों पार्टियां अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं, इन पार्टियों ने बार-बार अपनी भूमिकाएं बदलकर लोगों के बीच अविश्वास पैदा किया है, इन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति कर अपना वोटबैंक खो दिया है। इनके साथ आने से कौन सा फर्क पड़ने वाला है। अगर ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए साथ आ रही हैं तो ये चुनाव नहीं जीत सकते। दोनों भाईयों की अब कोई विचारधारा नहीं बची है, ये सिर्फ अवसरवादिता की राजनीति कर रहे हैं।’
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने ठाकरे बंधुओं के गठबंधन पर कहा, ‘वे अपनी जमीन खो चुके हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी निकाय चुनाव में 228 सीटों से आठ सीटों पर सिमट गई है। ऐसा ही मुंबई में होगा। यही वजह है कि वे साथ आ रहे हैं। हम उन्हें साथ आने के लिए शुभकामनाएं देते हैं। मुंबई के लोग विकास के लिए वोट करेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विकसित मुंबई का संकल्प लिया है मुंबई को अंतरराष्ट्रीय शहर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। हमारा घोषणा पत्र हमें जीत दिलाएगा। दोनों भाई साथ आ रहे हैं, सिर्फ इसलिए उन्हें सहानुभूति वोट नहीं मिलेंगे। उनके पास सभी सीटों पर उम्मीदवार भी नहीं है और न ही कार्यकर्ता हैं।’
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने उद्धव और राज ठाकरे के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर इन लोगों के पास असल में इतनी ताकत है तो वे हालिया निकाय चुनाव में बुरी तरह से क्यों हारे? कांग्रेस न उद्धव ठाकरे के साथ है और न ही शरद पवार के साथ, इसलिए इन्हें किसी की जरूरत है, जैसे डूबते को तिनके का सहारा। इसी तरह से उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे का समर्थन चाहते हैं। मुझे नहीं लगता इससे बहुत फायदा होगा।
उद्धव और राज ठाकरे के गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टिवार ने कहा, हालिया निकाय चुनाव में कांग्रेस, जो महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है, सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और गठबंधन की दोनों पार्टियों से ज्यादा सफल रहे। अगर दोनों भाईयों ने साथ आने का फैसला किया है तो हम इससे खुश हैं। हम उन्हें बधाई देते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी कभी भी मनसे के साथ नहीं जुड़ेगी। हम शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी के साथ खड़े रहेंगे। महाराष्ट्र के लिए मराठी लोग क्या फैसला करते हैं, ये उन पर है।
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