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मिर्च को लाल करने वालों पर कार्रवाई, फलों पर केमिकल लगाने वालों पर भी होगी कार्रवाई

  • खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बिना लाइसेंस चल रहा मिर्च कारखाना पकड़ा-साढ़े 17 लाख रुपये की सामग्री सील

उज्जैन। खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पिंगलेश्वर रोड से लाल मिर्च बनाने का एक कारखाना पकड़ा है। कारखाने में अखाद्य लाल रंग के पाउच मिले हैं जिसके आधार पर शंका है कि यह लाल रंग चढ़ा मिर्च को सुर्खी दी जाती होगी। इस कारण विभाग ने मिर्च व पावडर के 9 नमूने लेकर उन्हें जाँच के लिए भेज दिया और करीब 17 लाख 47 हजार 300 रुपए की खाद्य सामग्री को सीज कर कारखाना सील कर दिया है।


खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंत दत्त शर्मा व पुष्पक कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई हुई है। कारखाना फ्रीगंज निवासी मोहित आहूजा का है। टीम को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि इनके पास मिर्च कारखाना संचालित करने का लाइसेंस भी नहीं था। इन दिनों प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चल रहा है। विभाग की टीम दूध-मावा व अन्य पदार्थों पर नजर रखती है लेकिन लोगों की सेहत के लिए फलों की ओर ध्यान नहीं है। शहर में खुलेआम फलों को पकाने के लिए खतरनाक केमिकल का उपयोग हो रहा है। विभाग की नजर इन पर नहीं है। फल व्यापारी पहले सिर्फ गोपाल मंदिर सब्जी मंडी के आसपास थे, जहाँ पर उनकी कारगुजारियों पर नजर पड़ जाती थी लेकिन अब इन लोगों ने अपने गोदाम रहवासी क्षेत्र में बना लिये हैं। चिमनगंज फ्रूट मंडी के आसपास के इलाके मोहन नगर, शिवशक्ति नगर क्षेत्र में फल व्यापारियों के गोदाम संचालित हो रहे हैं, जहाँ पर केमिकल की मदद से केला, पपीता, आम और तमाम किस्म के फल पकाये जा रहे हैं। आम और केले जैसे फल कार्बाइड या लिक्विड केमिकल से पकाए जाते हैं, ऐसे फल खाने से सेहत को काफी नुकसान पहुँचता है, वहीं अब आम और केले को पकाने के लिए एथिलीन गैस का इस्तेमाल किया जाने लगा है। फल पकाने में ये लोग जिस केमिकल का उपयोग करते हैं, उसके पाउच भी इनके गोदामों के आसपास बिखरे रहते हैं। रहवासी क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियाँ गैरकानूनी तो हैं ही लेकिन सेहत से खिलवाड़ और भी गलत है।

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