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8 साल बाद फिर रेल से जुड़ेंगे भारत और नेपाल, जानिए क्यों खास है ये ट्रेन सेवा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएम शेर बहादुर देउबा आज भारत-नेपाल के बीच रेल सेवा का उद्घाटन करेंगे. यह रेल सेवा जयनगर (बिहार) और कुर्था, जनकपुर (नेपाल) के बीच चलेगी. दिल्ली के हैदराबाद हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये दोनों नेता हरी झंडी दिखाकर पहली रेल रवाना करेंगे. भारत-नेपाल के बीच इस रेल प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 69.08 किलोमीटर है और यह ब्रॉड गेज रेल लाइन है, जिसके फर्स्ट फेज यानि जयनगर, बिहार और कुर्था, जनकपुर की लम्बाई 34.5 किलोमीटर है, जिसका आज उद्घाटन होना है.

वहीं बाकी बचे 34.58 किलोमीटर लम्बे रेल सेक्शन की भी जल्द शुरुआत होगी जो बर्दिबास, नेपाल तक जायेगी. रेल लाइन प्रोजेक्ट की 2.95 किमी लम्बाई भारत में तो 65.75 नेपाल में है. पूर्वी मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी (PRO) बीरेंद्र कुमार बताते हैं कि ‘यह रेल लाइन नेपाल ने जनकपुर धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहद सुविधाजनक रहेगी, सेवाएं शुरू होने के बाद यात्रा बेहद आसान हो जाएगी, साथ ही व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, पर्यटक बढ़ेंगे और सीमावर्ती क्षेत्र में विकास को बल मिलेगा.’


भारत-नेपाल रेल लाइन का इतिहास
जयनगर, भारत और बैजलपुर, नेपाल के बीच पहली रेल सेवा 1937 में शुरू हुई थी. शुरुआत के समय यह रेल लाइन नैरो गेज की थी. 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से सेवाएं ठप हो गईं लेकिन जयनगर और जनकपुर के बीच मार्च 2014 तक रेल सेवा जारी रही. आठ सालों के लम्बे इंतज़ार के बाद दोनों देश एक बार फिर रेल लाइन से जुड़ जाएंगे.

जयनगर और जनकपुर रेल सेक्शन की खासियतें
इस रेल सेक्शन के रूट पर कुल 8 स्टेशन और 6 हॉल्ट स्टेशन होंगे. साथ ही 47 रोड क्रॉसिंग, 18 बड़े पुल और 127 छोटे पुल होंगे. रूट पर पैसेंजर ट्रेन की 100 किमी प्रति घंटा और माल गाड़ियों की 65 किमी प्रति घंटा रफ़्तार निर्धारित की गई है. जुलाई 2021 में भारतीय रेल ने स्पीड ट्रायल किये थे और अक्टूबर माह में इसे सेवाओं के लिए सुरक्षित घोषित किया था. इस रेल सेक्शन पर ट्रेन भारत में बिहार के मधुबनी जिले और नेपाल के धनुषा, महोत्तरी और सिरहा से होकर गुज़रेगी.

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