
भोपाल। प्रदेश में पिछले लगातर दूसरी साल भी स्कूल बंद है। निजी स्कूल (Private Schools) और कोचिंग संचालक (Coaching Director) इस बार भी फीस बढ़ाने का दबाव बनाने लगे हैं। इससे पहले अभिभावकों की शिकायत पर सरकार फीस बढ़ाने पर रोक लगा चुकी है। साथ ही बढ़ी हुई फीस बसूलने पर वापसी का आदेश भी जारी कर चुकी है। सरकार के इस आदेश के खिलाफ निजी स्कूल (Private Schools) संचालकों ने 12 जुलाई से ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) बंद करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कोचिंग संचालक (Coaching Director) भी संस्थान खुलवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगे हैं। दोनों संगठन आज राजधानी भोपाल में एक जुट होकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। राज्य शासन को स्कूल संचालक (School Director) और कोचिंग के खिलाफ मनमानी की शिकायतें लंबे समय से मिल रही हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने फीस नहीं बढ़ाने का आदेश जारी किया था। इसके बावजूद भी निजी स्कूल संचालक (School Director) फीस बढ़ा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब स्कूल बंद है और स्टाफ को आधा वेतन दिया जा रहा है। ऐसे हालात में भी स्कूल संचालक (School Director) ट्यूशन फीस (Tuition Fees) के अलावा पूरी फीस वसूल रहे हैं। इस बार फीस भी बढ़ा दी है। खास बात यह है कि स्कूल 50 फीसदी तक फीस बढ़ा रहे हैं और शिकायत होने पर सरकारी कार्रवाई से बचने के लिए 10 फीसदी फीस घटा रहे हैं। इस तरह निजी स्कूलों की मनमानी चल रही है। इस पर फिलहाल सरकार अंकुश लगाने की स्थिति में नहीं है।
फीस पूरी, वेतन आधा
निजी स्कूल बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद करके सरकार पर दबाव बना रहे हैं। स्कूल बच्चों से फीस पूरी वसूल रहे हैं, लेकिन शिक्षक सहित अन्य कर्मचारियों को तो वेतन आधा दे रहे हैं। स्कूल संगठन कोरोना की तीसरी लहर की चिंता किए बगैर अन्य संस्थानों की तरह स्कूल भी खोलना चाहते हैं। स्कूलों की फीस को लेकर करीब एक साल से अभिभावक, स्कूल और सरकार के बीच रस्साकशी चल रही है। कोरोना काल में आमदनी के संसाधन छिन जाने या सीमित होने से आर्थिक रूप से टूट चुके अभिभावक अधिक फीस देने की स्थिति में नहीं हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले साल और वर्तमान में सिर्फ शिक्षण शुल्क (ट्यूशन फीस) लेने के निर्देश दिए हैं। इसके पीछे तर्क है कि वर्तमान में कर्मचारियों के वेतन के अलावा स्कूलों का कोई खर्च नहीं है। यही व्यवस्था करीब आठ महीने पहले जबलपुर हाईकोर्ट ने दी थी।
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