वॉशिंगटन। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने पिछले दिनों वैक्सीन की सभी डोज लगवा चुके लोगों (fully vaccinated) को अमेरिका में मास्क न लगाने की छूट दे दी। वहां fully vaccinated उन लोगों को माना जाता है जिन्हें डबल डोज वैक्सीन की दोनों डोज और सिंगल डोज वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद दो हफ्ते गुजर चुके हों। लेकिन, अब अमेरिका के सामने नई दिक्कत आ रही है। दरअसल, CDC को वैक्सीनेट हो चुके युवाओं में कुछ और भी लक्षण दिखे हैं। कई युवाओं में वैक्सीन के बाद दिल में सूजन और जलन की शिकायत पाई जा रही है।
CDC की निदेशक रोशेल वालेंस्की ने व्हाइट हाउस में ब्रीफिंग के दौरान बताया कि वैक्सीनेशन के बाद 300 से अधिक युवाओं में दिल में जलन की रिपोर्ट मिली है। कमेटी वैक्सीन के बाद मायोकार्डिटिस यानी दिल के कमजोर होने के बढ़ते मामलों को लेकर भी चिंतित है।
CDC ने मई के अंत से कोविड वैक्सीन के बाद मायोकार्डिटिस के कुछ मामलों पर निगरानी रखनी शुरू की थी। रिपोर्ट में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दिल से जुड़ी बीमारियां ज्यादा पाई जा रही हैं। हालांकि, कमेटी ने अपने COVID-19 वैक्सीनेशन अभियान में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया है। कमेटी का कहना है कि वो जल्द ही वैक्सीन और हार्ट इन्फ्लेमेशन के बीच पाए गए इस संबंध पर चर्चा करेगी।
CDC ने बताया कि अमेरिका में वैक्सीन की पूरी डोज लेने के बावजूद कोरोना होने के बहुत कम मामले सामने आए हैं। इन्हें ब्रेकथ्रू (breakthrough cases) केस कहते हैं। CDC के अनुसार 26 अप्रैल तक अमेरिका में 9।5 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की सभी डोज लगा दी गई थीं, इनमें से केवल 9,045 लोगों को वैक्सीनेशन के बाद कोरोना हुआ।
बता दें कि अमेरिका में मुख्य रूप से फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन लगाई जा रही हैं। जबकि भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। हाल में रूस की स्पुतनिक-v वैक्सीन भी भारत में लगने लगी है। कोविशील्ड एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। कोवैक्सिन इनएक्टिवेटेड वायरस वैक्सीन। कई विशेषज्ञ mRNA वैक्सीन को वायरस के नए वेरिएंट्स पर ज्यादा कारगर मानते हैं।
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