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आखिर दो साल बाद वार्ता की मेज पर आया पाकिस्तान

– ​ब्रिगेडियर स्तर की बैठक में एलओसी पर शांति बनाये रखने पर हुई चर्चा
– भारत ने फिर चेताया-आतंकी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं, देंगे माकूल जवाब

​नई दिल्ली। आखिरकार लगभग दो साल बाद भारत के साथ वार्ता की मेज पर पाकिस्तान (Pakistan at the negotiating table with India after two years) आया। ​शुक्रवार को ​भारत-पाकिस्तान के बीच यह​​ब्रिगेडियर स्तर की बैठक पुंछ-रावलकोट ​क्रॉसिंग​पर ​हुई जिसमें पिछले महीने ​दोनों देशों के ​​​डीजीएमओ के बीच एलओसी पर नए युद्धविराम का पालन करने के लिए ​हुए ​शांति समझौते ​पर चर्चा की गई। 5 वर्षों में पहली बार ​यह ऐसा मौका है कि एक-दो घटनाओं को छोड़कर ​​पिछले एक महीने में ​सीमा पर ​कोई गोलीबारी नहीं हुई।​ इसके बावजूद भारत ने चेताया कि आतंकी गतिविधियों बर्दाश्त नहीं ​होंगी और ​किसी भी ​तरह के ​दुस्साहस का ​​माकूल जवाब दिया जाएगा।​​  

भारत और पाकिस्तान के बीच ​2 वर्षों में पहली ​यह ​​​ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक​ हुई है​।​ इससे पहले एक ​23 ​​नवम्बर,​ 2018 को ​दोनों देशों के ​ब्रिगेड कमांड​रों के ​बीच बैठक हुई थी​।​ ​पिछले माह दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेश​कों (डीजीएमओ) ​​25 फरवरी​, 2021 में ​हॉटलाइन पर बात करके नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में 24/25 फरवरी, 2021 की मध्य रात्रि से गोलीबारी बंद करने के लिए सहमति जताई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने एलओसी पर शांति बनाए रखने के लिए 2003 के युद्धविराम समझौते को फिर से लागू करने का फैसला किया था।​ इसी के बाद से सीमा पर सीज फायर उल्लंघन की घटनाओं पर रोक लगी है और ​​पिछले एक महीने में ​सीमा पर ​कोई गोलीबारी नहीं हुई​ है​।​दोनों पक्षों ने दोहराया कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किया जाएगा।

भारतीय सेना ने कहा कि​ ​भारत और पाकिस्तान ​​के ब्रिगेड कमांडरों ने शुक्रवार को ​पुंछ रावलकोट क्रॉसिंग पॉइंट पर ​​​मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर शांति ​बनाये रखने के मुद्दे पर चर्चा की। ​यह बैठक ​पिछले महीने तय किए गए युद्धविराम को लागू करने के लिए समझ को आगे बढ़ाने के लिए ​की गई थी।​ ​​भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम ​नरवणे ने ​भी गुरुवार को एक कार्यक्रम में  ​कहा कि मार्च के महीने में एलओसी पर एक भी गोली नहीं चलाई गई है।​ भारतीय सेना का कहना है कि हमारा प्रयास शांति और स्थिरता हासिल करना है जो क्षेत्र के लिए फायदेमंद है​​।​ ​यह विशेष रूप से एलओसी के किनारे रहने वाली आबादी के लिए हिंसा के स्तर को नीचे लाने का एक प्रयास है​​।

सेना के सूत्रों का कहना है कि इस तंत्र का उद्देश्य​ पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा​ और अंतर​राष्ट्रीय सीमा के साथ स्थिति की समीक्षा कर​ने के साथ ही दोनों ​सेनाओं ​के बीच समझ और समझौतों ​का पालन ​कराने का प्रयास है।​ ​भारतीय सेना आतंकवाद के संकट से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। ​इसलिए आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ​किसी भी ​तरह के ​दुस्साहस का ​​माकूल जवाब दिया जाएगा।​ ​​भारतीय सेना ने क​​हा​ कि ​​हमारे पास पाकिस्तान के साथ कड़वे अनुभवों का इतिहास है​, इसलिए पाकिस्तान के साथ विश्वास की कमी है​​। ​सेना का यह भी मानना है कि अतीत में शांति की प्रक्रिया या तो आतंक या पाकिस्ता​नी सेना के कृत्यों के कारण पटरी से उतरी हुई है। हम इस वास्तविकता ​को समझते हुए किसी ​भी खतरे से निपटने के लिए अलर्ट रहते हैं। (एजेंसी, हि.स.)

 

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