
लखनऊ। यूपी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एलान किया है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान ये बयान दिया। अखिलेश यादव विधान परिषद सदस्य रहे हैं।
उनके इस एलान से यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार भी वह विधान परिषद के जरिए ही सदस्य बनेंगे। वह इन दिनों आजमगढ़ से लोकसभा सदस्य हैं। वहीं, शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर उन्होंने कहा कि प्रसपा से गठबंधन में कोई मुश्किल नहीं है। उन्हें उनका सम्मान मिलेगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 2017 में जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब वह गोरखपुर से सांसद थे बाद में वह विधान परिषद के जरिए सदन के सदस्य बनें। हालांकि, इस बार उनके अयोध्या से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
यूपी में पांच साल सत्ता में रहने के बाद इस बार के चुनाव में भाजपा को सपा से ही मुख्य चुनौती मिलती हुई नजर आ रही है। अखिलेश यादव के साथ ही सपा कार्यकर्ता भी जोश से भरे हुए नजर आ रहे हैं। सपा अध्यक्ष विजय रथ यात्रा पर हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह ने भी चुनावी शंखनाद कर दिया है। भाजपा यूपी में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जनता के बीच जाएगी।
इस बार के चुनाव में कांग्रेस भी यूपी में पहले से ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। पार्टी की चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश में रैली व यात्राएं कर रही हैं। रविवार को गोरखपुर में हुई रैली में उन्होंने भाजपा सरकार के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि यूपी में मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस ही नजर आ रही है। सपा अध्यक्ष कहीं भी सड़कों पर नजर नहीं आए। जनता की लड़ाई कांग्रेस ही लड़ रही है।
उधर, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी की प्रियंका गांधी से मुलाकात पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, जयंत ने लखनऊ में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि रालोद का गठबंधन सपा से हो चुका है सीटों पर जल्द ही निर्णय होगा।
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