वाशिंगटन। अमेरिकी वैज्ञानिक शोध संस्था ‘नेटवर्क कॉन्टेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ ने अमेरिका व दुनिया के कई हिस्सों में हिंदुओं पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस समुदाय के लोगों के प्रति नफरत का माहौल बन रहा है। संस्था का इशारा ब्रिटेन व कनाडा में हिंदुओं पर जारी हिंसा की तरफ भी रहा। संस्था के सह संस्थापक तथा मुख्य विज्ञान अधिकारी जोएल फिनकेलस्टीन ने यह बात कही।
उन्होंने अमेरिकी संसद भवन परिसर में ‘कोलिजन ऑफ हिंदूज ऑफ नार्थ अमेरिका’ (COHNA) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने नवीनतम शोध के अहम बिंदुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि हाल के महीनों में अमेरिका और कनाडा में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ी हैं। जोएल ने ‘हिंदू-अमेरिकन कम्युनिटी’ के सदस्यों से कहा, हम देख रहे हैं कि इंग्लैंड में किस प्रकार का निम्न स्तरीय विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा, दुनियाभर में हिंदुओं के खिलाफ नफरत बढ़ने की आशंका है।
बढ़ती नफरत पर चिंता
‘नेटवर्क कॉन्टेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ एक गैर लाभकारी संगठन है जो गलत सूचनाओं, भ्रमित करने वाली सामग्री तथा सोशल मीडिया में नफरत फैलाने वाली बातों का अध्ययन करती है। कार्यक्रम के दौरान सांसद हांक जॉनसन ने अमेरिका में हिंदुओं के प्रति नफरत की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। वह वर्तमान संसद में एकमात्र बौद्ध सांसद हैं। उन्होंने कहा कि हमें हमारे धर्म, नस्ल तथा पृष्ठभूमि के प्रति नफरत के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
भारत-अमेरिका में मजबूत रिश्तों के पक्ष में अमेरिकी सांसद
अमेरिका के प्रभावशाली सांसदों ने भारत-अमेरिका में मजबूत रिश्तों की वकालत करते हुए इस दिशा में भारतवंशी समुदाय के योगदान को रेखांकित किया है। अमेरिकी संसद परिसर में आयोजित भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह में पश्चिम वर्जीनिया के डेमोक्रेट सीनेटर जो मैनचिन ने अपने भारत दौरे को याद करते हुए बताया कि ‘कैसे उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की महानता को प्रत्यक्ष रूप से देखा और महसूस किया।’ समारोह में मिसिसिपी की रिपब्लिकन सीनेटर सिंडी हाइड-स्मिथ ने भी दोनों देशों में मजबूत रिश्तों की अहमियत पर जोर दिया। पश्चिम वर्जीनिया की सीनेटर शेली कैपिटो ने भारतवंशियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस दौरान भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद रहे।
