मुंबई: साल 1987 में जब फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ (Mr India) रिलीज़ हुई, तो हर किसी की जुबां पर अमरीश पुरी (Amrish Puri) का डायलॉग ‘मोगैंबो खुश हुआ’ था. फिल्म में विलेन ‘मोगैंबो’ का किरदार निभाकर अमरीश ‘शोले’ (Sholay) के ‘गब्बर’ के बाद सबसे पॉपुलर विलेन बन गए थे. हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि ‘मोगैंबो’ के किरदार के लिए अमरीश पुरी (Amrish Puri) पहली पसंद नहीं थे. अपनी बायोपिक ‘द एक्ट ऑफ लाइफ’ में, उन्होंने शेयर किया था कि फिल्म की 60 प्रतिशत से ज्यादा की शूटिंग डायरेक्टर शेखर कपूर ने पहले ही कर ली थी. इसके बाद उन्हें विलेन के लिए चुना गया था.
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अमरीश पुरी नहीं थे पहली पसंद
अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने अपनी किताब में शेयर किया था कि वो थोड़े हैरान थे क्योंकि आधी से ज्यादा फिल्म की शूटिंग हो चुकी थी. किताब में लिखा है- ‘मैंने सोचा, इन्हें अब जाकर मेरी याद आई’. वहीं, अनुपम खेर ने आईएएनएस के साथ एक पुराने इंटरव्यू में मिस्टर इंडिया के बारे में बात करते हुए कहा था कि ‘अमरीश पुरी से पहले उन्होंने ही फिल्म के लिए शूटिंग की थी, लेकिन उन्हें आधे में ही रिप्लेस कर दिया गया था.’
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20 दिन तक नहीं देखा था दिन का उजाला
वहीं, ‘मोगैंबो’ के बारे में बात करते हुए अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने अपनी बायोपिक में विस्तार से बताते हुए कहा था कि ‘मोगैंबो’ की तुलना हिटलर से की गई थी’ इसके अलावा किताब में ये भी बताया गया है कि ‘मोगैंबो’ नाम क्लार्क गेबल स्टारर 1953 की हॉलीवुड फिल्म से आया है. इसके अलावा शूटिंग शेड्यूल के बारे में अमरीश पुरी ने कहा कि उन्होंने 15-20 दिनों तक दिन का उजाला नहीं देखा था. मिस्टर इंडिया का बड़ा सेट आरके स्टूडियो में लगाया गया था.