बाबू मनमोहनदास ने कठिन दौर में जगाई कन्या शिक्षा की अलख

  • 5 छात्राओं को प्रदान की गई श्रीमती करुणा चांडक स्मृति स्कॉलरशिप

जबलपुर। बाबू मनमोहनदास हितकारिणी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शनिवार को बाबू मनमोहनदास स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन विधायक विनय सक्सेना के मुख्य आतिथ्य, हितकारिणी सभा के अध्यक्ष नित्यनिरंजन खम्परिया की अध्यक्षता एवं राज्यसभा सदस्य सुमित्रा बाल्मीकि, पार्षद अदिति बाजपेयी, हितकारिणी सभा के मंत्री बाबू विश्वमोहन सहित केके हुंका, मुकुल खम्परिया, रमेश श्रीवास्तव, शिवदत्त मिश्रा एवं जयेश राठौर के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि इस विद्यालय में स्व. श्रीमती करुणा चांडक की स्मृति में स्कॉलरशिप प्रदान करने की परंपरा बहुत ही सराहनीय है। इससे बच्चों का भी उत्साहवद्र्धन होता है। उन्होंने कहा कि 27 मार्च से मप्र विधानसभा का सत्र प्रारंभ हो रहा है। इस विद्यालय के जो बच्चे विधानसभा और वहां की कार्यवाही देखना चाहते हैं उनकी सूची बना लें, वह ऐसे बच्चों को अपने साथ भोपाल ले जाकर विधानसभा और वहां की कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान करेंगे। विधायक विनय सक्सेना की भांति राज्यसभा सदस्य सुमित्रा बाल्मीकि ने भी विद्यालयीन छात्राओं को संसद की कार्यवाही दिखाने की घोषणा की। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य माधुरी शुक्ला ने शाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विद्यालयीन छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।


इन्हें मिली स्कॉलरशिप
आयोजित कार्यक्रम में 10वीं कक्षा की 5 छात्राओं रेवा विश्वकर्मा, ज्ञानवती रैकवार, शारदा कोष्टा, खुशी सोनी तथा आयुषी ताम्रकार को वर्ष 2022-23 का स्व. श्रीमती करुणा चांडक स्मृति स्कॉलरशिप प्रदान किया गया। इसके अलावा पद्मभूषण डॉ सेठ गोविन्ददास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विद्या परिषद हितकारिणी सभा द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हितकारिणी सभा के अध्यक्ष नित्यनिरंजन खम्परिया ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद आज यहां बड़ी संख्या में बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को देखकर मन प्रफुल्लित हो रहा है। उन्होंने कहा कि बाबू मनमोहनदास ने उस दौर में कन्या शिक्षा को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया जब इस दिशा में कोई भी नहीं सोचता था। उस दौर में समाज में कन्या शिक्षा को उचित नहीं माना जाता था। कन्या शिक्षा के प्रति बाबू मनमोहनदास द्वारा डाली गई नींव आज समाज में आंदोलन बन गई है।

Leave a Comment