निर्दलीय चुनाव लड़ेगा इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह का बेटा, कौन है सरबजीत खालसा?

नई दिल्‍ली (New Delhi)। पूर्व प्रधानमंत्री (former Prime Minister)दिवंगत इंदिरा गांधी (Late Indira Gandhi)के हत्यारों में से एक के बेटे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पंजाब (Punjab)की फरीदकोट सीट (Faridkot seat)से आगामी लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) लड़ेगा। हम बात कर रहे हैं बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह की। 45 वर्षीय सरबजीत सिंह ने कहा है कि वह फरीदकोट से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। सरबजीत सिंह इंदिरा गांधी के दो हत्यारों में से एक बेअंत सिंह का बेटा है।

बता दें कि पंजाब की फरीदकोट लोकसभा सीट से बीजेपी ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के अपने मौजूदा सांसद और सूफी गायक हंस राज हंस को उतारा है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने एक्टर करमजीत अनमोल को टिकट दिया है। अब भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों में से एक बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा के फरीदकोट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा ने सबको चौंका दिया है।

चुनाव लड़ने के सवाल पर सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि इलाके के कई लोगों ने उन्हें फरीदकोट से चुनाव लड़ने की बात कही है। जन समर्थन मिलने के कारण ही में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं।

कई बार लड़ चुके चुनाव, एक बार भी नहीं जीते

12वीं क्लास में पढ़ाई छोड़ने वाले 45 वर्षीय सरबजीत सिंह खालसा के परिवार का राजनीतिक रसूख पुराना है। उसकी मां बिमल कौर 1989 में रोपड़ से सांसद रह चुकी हैं तो उसके नाना सुच्चा सिंह ने उसी वर्ष बठिंडा से सांसद बने थे। सरबजीत सिंह इससे पहले साल 2014 और 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन दोनों बार चुनाव हार गए थे। 2014 में वह फतेहगढ़ साहिब (सुरक्षित) और 2009 में बठिंडा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। 2019 में सरबजीत बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार थे लेकिन वह चुनाव नहीं जीत पाए थे।

पिछली बार कांग्रेस की झोली में आई थी फरीदकोट सीट

फरीदकोट से फिलहाल कांग्रेस से मोहम्मद सादिक सांसद हैं। मोहम्मद सादिक को इस चुनाव में कुल 4 लाख 19 हजार के करीब वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी रहे शिरोमणि अकाली दल के गुलजार सिंह रानिके को 3 लाख 36 हजार के लगभग वोट प्राप्त हुए। करीब 83 हजार के अंतर से फरीदकोट की सीट कांग्रेस की झोली में चली गई थी। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रोफेसर साधू सिंह को इस चुनाव में कुल 1 लाख 15 हजार के करीब वोट मिले थे। 2009 और 2014 में इस सीट से शिरोमणि अकाली दल को जीत मिली थी। फरीदकोट सीट पर सिख समुदाय की तादाद तकरीबन 76 फीसदी है जबकि हिंदू आबादी 23 फीसदी है। फरीदकोट लोकसभा सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा निहाल सिंघवाला, भाघा पुराना, मोगा, धरमकोट, गिद्दरबाहा, फरीदकोट, कोटकापुरा, जाइतू और रामपुल फूल आती हैं। फरीदकोट शहर का नाम बाबा फरीद के नाम पर पड़ा है।

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