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लद्दाख में ‘ग्राउंड जीरो’ पर पहुंचे सेनाध्यक्ष ​नरवणे, ​मौजूदा ​स्थिति के बारे में ली जानकारी

नई दिल्ली । पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सैनिकों द्वारा ऊंचाई की कई पहाड़ियों पर कब्जा करने के बाद चीन के साथ बढ़े सैन्य तनाव के बीच नवीनतम परिचालन स्थिति की समीक्षा करने के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम ​नरवणे दो दिन की यात्रा पर गुरुवार को सुबह लद्दाख पहुंच गए हैं। उन्होंने दक्षिण पैंगोंग और अन्य जगहों पर हालात का जायजा लिया है।

सेना प्रमुख मनोज मुकुंद ​नरवणे अपने दो दिन की इस यात्रा के दौरान पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के साथ ही आगे के क्षेत्र का दौरा करेंगे। सेना कमांडर ने उन्हें चीन की घुसपैठ नाकाम होने के बाद के हालातों की जानकारी दी है। ​पैंगॉन्ग​ के दक्षिणी छोर पर 29/30 अगस्त की रात हुए ताजा घटनाक्रम के बाद ​से ​भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद बढ़ा है जिसके बाद अब सेना प्रमुख ने लद्दाख में हालात का जायजा लिया है। यहां नरवणे ने सेना के परिचालन मुद्दों और जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। तनाव के बीच पहुंचे सेना प्रमुख की यह यात्रा एलएसी पर मौजूद जवानों का मनोबल बढ़ाने का भी काम करेगी।
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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल एमएम ​​नरवणे लद्दाख की ​यह ​दो दिवसीय यात्रा ​​पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर ​यथास्थिति बदलने के चीन के नए प्रयासों के मद्देनजर ​है​​।​​ हालांकि ​बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच ​​दोनों देशों के कमांडर लेवल के बीच हो रही बातचीत का आज चौथा दिन है लेकिन ​क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के लिए​ सेना प्रमुख का ‘ग्राउंड जीरो’ पर पहुंचना ​मायने रखता है​।​ लद्दाख क्षेत्र में परिचालन तैयारियों की समीक्षा के लिए​ पहुंचे ​​जनरल नरवणे को सेना के शीर्ष कमांडर्स ​ने मौजूदा ​स्थिति के बारे में जानकारी ​दी है​। ​इसके साथ ही सीमा पर सेना की तैनाती और​ क्षेत्र में ​युद्ध ​के लिहाज से भारतीय सेना की तैयारियों की​ समीक्षा की जाएगी​​।​​ ​​

​​पैंगॉन्ग​ के दक्षिणी छोर पर 29/30 अगस्त की रात हुए ताजा घटनाक्रम के बाद ​से ​भारतीय सेना ने ​उन महत्वपूर्ण पहाड़ी क्षेत्रों पर कब्जा कर​ने का अभियान छेड़ दिया है​ जिन पर​ 1962 के युद्ध के बाद दोनों देश अब तक सैन्य तैनाती नहीं करते रहे हैं​​। ​​​भारत की सीमा में आने वाले इस पूरे इलाके में रणनीतिक महत्व की तमाम ऐसी पहाड़ियां हैं​ जिनमें भारत पहले ही काला टॉप और हेल्मेट टॉप अपने कब्जे में ले चुका है​ और अब गोस्वामी टॉप भी भारत के कब्जे में आने की खबर है​​।​ दोनों देशों के बीच कई इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) स्पष्ट न होने की वजह से चीन और भारत के बीच के घुसपैठ को लेकर विवाद होते रहे हैं। इस बार पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर का लगभग 70 किमी. क्षेत्र भारत और चीन के बीच नया हॉटस्पॉट बना है। यह नया मोर्चा थाकुंग चोटी से शुरू होकर झील के किनारे-किनारे रेनचिन ला तक है। ​

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