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World Milk Day पर कलाकारों ने दूध पीने से जुड़ी मजेदार बातें बताईं

World Milk Day-रोजाना और खासकर सुबह के नाश्ते के साथ एक गिलास दूध पीने की आदत हममें से ज्यादातर लोगों को बचपन की याद दिलाती है। दूध के स्वास्थ्यकर और पोषक होने के कारण ज्यादातर माता-पिता, खासकर माताएँ, अक्सर यह सुनिश्चित करने के लिये अपने ही तरीके आजमाती हैं कि उनके बच्चे दूध की आखिरी बूंद को भी गटक लें। वल्र्ड मिल्क डे (World Milk Day) पर एण्डटीवी के कलाकारों ने दूध पीने के आनंद और सुबह की इस जरूरी आदत से जुड़ी अपनी मजेदार कहानियों के बारे में बात की। इन कलाकारों में शामिल हैं- कपिल निर्मल (‘बाल शिव‘ के ताड़कासुर), योगेश त्रिपाठी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के हप्पू सिंह), रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी) और अकांशा सिंह (‘और भाई क्या चल रहा है? की सकीना मिजऱ्ा)।

एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ के ताड़कासुर, यानि कपिल निर्मल ने कहा कि, ‘‘नाश्ते से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना अपने घर में मेरा रोज का रूटिन था। लेकिन मुझे याद है कि मैंने कभी दूध को बहुत पसंद नहीं किया और मैं मुँह बनाता था। जब भी मेरी माँ मेरे सामने खड़ी रहती थीं, मैं दूध पीने का नाटक करता था। लेकिन जैसे ही वह दूर होती थीं, मैं तुरंत दौड़कर वाशरूम में जाता था, गिलास-भर दूध को फ्लश करता था और चतुराई से वापस आ जाता था, खाली गिलास को अपने होठों से लगाए हुए और फिर कहता था ‘मम्मी, हो गया!’ लेकिन एक दिन मेरी माँ ने मुझे पकड़ लिया और जबर्दस्त डाँट लगाई। लेकिन फिर मैंने कहा कि रोजाना एक ही चीज मुझे बोर करती है, तब उन्होंने दूध में केसर, मेवे, शहद, आदि मिलाना शुरू किया, ताकि स्वाद और वेरायटी आए। वह काम उन्होंने इतनी अच्छी तरह से किया कि मुझे दूध पसंद आने लगा और अब दूध मेरे डेली रूटिन का हिस्सा है। आज मैं दूध पीने से सेहत को मिलने वाले फायदे जानता हूँ और सभी को सलाह देता हूँ कि स्वस्थ जीवन के लिये दूध जरूर पीयें।’’



एण्डटीवी के भाभीजी घर पर हैं के मनमोहन तिवारी, यानि रोहिताश्व गौड़ ने कहा, ”मुझे दूध कभी भी बहुत पसंद नहीं रहा और मैं बचपन में दूध से बहुत चिढ़ता था। मैं हमशा दूध पीने से बचने के तरीके निकालता था। मैं अपनी एक बहन को लालच देता था कि वह मेरा गिलास खत्म करे और बदले में मैं उसका होमवर्क पूरा करूंगा। आखिरकार उसे समझ आ गया कि मैं क्या कर रहा हूँ और उसने मेरी माँ से शिकायत कर दी। मेरी हालत और भी खराब हो गई, जब मुझे सजा के तौर पर दिन में दो बार दूध पिलाया जाने लगा, वह भी एक महीने तक। उन दिनों मेरी माँ ने मुझे समझाया कि दूध बच्चे के विकास के लिये जरूरी होता है, क्योंकि उसमें कैल्शियम, प्रोटीन और दूसरे पोषक-तत्व होते हैं। अब मैं सुनिश्चित करता हूँ कि मेरे परिवार के सभी लोग, खासकर मेरे बच्चे, रोजाना दूध पीयें।“

एण्डटीवी के हप्पू की उलटन पलटन के हप्पू सिंह, यानि योगेश त्रिपाठी ने बताया, ”मुझे दूध पसंद है, लेकिन उसके साथ मुँह में आने वाली मलाई का स्वाद अच्छा नहीं लगता है! मुझे एक ही बार में गर्म पेय पीने में हमेशा परेशानी रही है। मुझे हल्का गर्म पसंद है, बहुत गर्म नहीं। और हममें से ज्यादातर लोगों ने बचपन में रोजाना एक गिलास गर्म दूध पीया है। मैं कभी तेजी से नहीं पी सका और फिर सतह पर मोटी मलाई आ जाती थी। तो मैं चम्मच से मलाई निकालकर उसे कहीं भी चिपका देता था- कुर्सी पर, टेबल के नीचे, दीवार पर – जहाँ भी मलाई फेंकने की जगह मिल जाती थी! एक दिन मेरे पेरेंट्स ने देख लिया कि मैं क्या कर रहा हूँ और फिर मुझसे वे सारी जगहें साफ करवाईं, ताकि मुझे सबक मिले। तब से मैंने एक ही बार में पूरा दूध गटकना शुरू कर दिया और यह आदत आज भी है! अब मुझे इस आदत के बारे में सोचने पर हँसी आती है!’’

एण्डटीवी के और भाई क्या चल रहा है? की सकीना मिजऱ्ा, यानि अकांशा सिंह ने बताया कि, ”मुझे दूध पीना पसंद है। हालाँकि कई दूसरे बच्चों की तरह, बचपन में मुझे भी दूध पीना पसंद नहीं था। हालत ऐसी थी कि मैं अपने दूध का गिलास अपने मोहल्ले की बिल्लियों को पिला देती थी। बरामदे में जाना, एरिया की बिल्लियों को बुलाना और उन्हें अपने हिस्से का दूध देना मेरी आदत बन गई थी। हालाँकि एक दिन हमारे एक पड़ोसी ने मुझे पकड़ लिया और मेरे पेरेंट्स को बता दिया। उन्हें अच्छा लगा कि मैं बिल्लियों को दूध पिला रही थी, तो उन्होंने मुझे दूध का गिलास देने के साथ बिल्लियों के लिये भी दूध की कटोरी देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं बिल्लियों को दूध पिलाना चाहती हूँ, तो मुझे भी दूध पीना होगा। उस पल से ही मुझे दूध पीना अच्छा लगने लगा और दूध से सेहत को मिलने वाले फायदे तो ध्यान में रखने ही चाहिये। इस वल्र्ड मिल्क डे पर मैं सभी को दूध पीने और स्वस्थ रहने की सलाह देती हूँ।“

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