विदेश

कनाडा हो या पाकिस्तान, सभी आतंकियों का हो रहा सफाया !

ओटोवा (ottowa)। खालिस्तानी आतंकी (Khalistani terrorist) हरदीप सिंह निज्जर, परमजीत सिंह पंजवर, अवतार सिंह उर्फ खांडा, पाकिस्तानी आतंकी मुफ्ती कैसर फारूख (Tanki Mufti Qaiser Farooq) ये आतंक के वो चार चेहरे हैं जिन्हें बीते 6 महीने में मृत्यु दान दिया गया है। मुफ्ती कैसर फारूख पाकिस्तान का मोस्ट वांटेड आतंकी था। ये आतंकी हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था और कराची में इसे ढेर कर दिया गया. 30 सितंबर की शाम के सीसीटीवी वीडियो में 10 लोग नजर आए हैं. सबसे पीछे चल रहा शख्स गोली की आवाज सुनकर अचानक नीचे झुका. वही मुफ्ती कैसर फारूख था।

इसके बाद भगदड़ मच गई. आस-पास चलते हुए कुछ बच्चे और एक शख्स भागने लगे. सबसे पीछे चल रहा फारूख कैसर जमीन पर गिर गया. इसके बाद उस पर फिर गोलीबारी की गई और उसकी मौत हो गई। कराची पुलिस के मुताबिक, फारूख पर गोली बाइक सवारों ने चलाई। बाइक सवारों की पहचान नहीं हो पाई है. फारूख की टारगेट किलिंग की गई है. गोलीबारी में फारूख के साथ चल रहा एक बच्चा मामूली तौर पर घायल हुआ है।



लश्कर ए तैयबा के कमांडर हाफिज सईद के लिए ये दोहरा झटका है, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि कई दिन से हाफिज सईद का एक बेटा भी लापता है और अब मारा गया कैसर फारूख हाफिज सईद का करीबी था. हाफिज सईद फिलहाल जेल में बंद है और उसका सबसे नजदीकी कमांडर अज्ञात हमलावरों ने ढेर कर दिया है। कैसर फारूख कराची के पोर्ट कासिम में जामिया मस्जिद का इमाम था. जिस वक्त उस पर हमला हुआ वो कराची के सोहराब गोठ इलाके में था. फारूख खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान का रहने वाला था. वो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शुमार था. कराची में उसकी हत्या के बाद किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. बाइक सवारों के बारे में कराची पुलिस कोई जानकारी नहीं जुटा पाई. कराची पुलिस का दावा है कि फारूख के खिलाफ कोई FIR नहीं थी और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन सच कुछ और है।

मिस्त्री जहूर इब्राहिम उर्फ जमाली की हत्या
भारत देश का ये दुश्मन कराची में मारा गया है. पाकिस्तान में बीते कुछ समय से भारत पर हमले की प्लानिंग करने वाले आतंकियों पर रहस्यमयी हमले हो रहे हैं और इनकी तादाद बढ़ती जा रही है. कैसर फारूख से पहले भी एक मोस्ट वांटेड आतंकी की हत्या इसी तरह हो चुकी है. 1 मार्च 2022 को पाकिस्तान से खबर आई कि इंडियन एयरलाइन IC 814 का हाइजैकर मिस्त्री जहूर इब्राहिम उर्फ जमाली की हत्या कर दी गई. जहूर मिस्त्री कराची की अख्तर कॉलोनी में मौजूद था और उसी वक्त उस पर दो बाइक सवारों ने गोलियां बरसाईं।

जहूर मिस्त्री पाकिस्तान में आतंकियों की जमात को वो सरगना था, जिसकी भारत को लंबे समय से तलाश थी और वो ISI की सुरक्षा में रह रहा था. मिस्त्री जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी था और 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइन के IC 814 का हाईजैकर था. भारतीय विमान की हाइजैकिंग में मिस्त्री के साथ मसूद अजहर के भाई रऊफ और इब्राहिम अजहर शामिल थे. मिस्त्री ही वो आतंकी था, जिसने विमान में बैठे भारतीय नागरिक रूपिन कात्याल की हत्या की थी।
हाईजैक विमान को कंधार ले जाने के बाद भारत सरकार को मसूद अजहर को रिहा करना पड़ा, लेकिन उससे 23 साल बाद 1 मार्च 2022 को अज्ञात लोगों ने मिस्त्री की हत्या कर दी. पाकिस्तान की पनाह में रह रहे जहूर मिस्त्री नाम बदलकर जाहिद अखुंद रख लिया. जहूर कराची की अख्तर कॉलोनी में रहने लगा. जहूर क्रिसेंट फर्नीचर के नाम से कराची में फर्नीचर का कारोबार करता था. 1 मार्च को जहूर पर दो अज्ञात बाइक सवारों ने हमला किया. जहूर की मौके पर मौत हो गई. घटनास्थल से पुलिस को 5 खाली कारतूस मिले।

राजनीतिक मकसद से हत्याएं कराई जा रही हैं?
जहूर मिस्त्री की हत्या में भी कैसर की तरह दो रहस्यमयी बाइक सवार शामिल थे. जहूर मिस्त्री नाम बदलकर भले कारोबारी बन गया, लेकिन उसका असली काम भारत के खिलाफ आतंकी साजिश था. पाकिस्तान में जिस तरह मोस्ट वांटेड आतंकियों की हत्या की जा रही है उससे साफ है इनका लंबे समय तक पीछा किया जाता है. इनकी जानकारी जुटाई जाती और सही वक्त पर अज्ञात हमलावर हत्या करके फरार हो जाते हैं।

पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों के सरदार रहस्यमयी तरीके से मारे जा रहे हैं और इनकी फेहरिस्त लंबी है. उसके चहेते आतंकियों के हत्याकांड के बाद पाकिस्तान में ये बहस हो रही है कि राजनीतिक मकसद से हत्याएं कराई जा रही हैं और इनके पीछे कौन है. कैसर और जहूर की हत्या के साथ ही पाकिस्तान में फरवरी 2023 में एक और आतंकी बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की हत्या की गई. ये हिजबुल मुजाहिदीन नाम के संगठन से जुड़ा आतंकी था।

बशीर अहमद हिजबुल मुजाहिदीन का संस्थापक सदस्य था. 20 फरवरी को रावलपिंडी में उसकी हत्या कर दी गई. बशीर अहमद रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर खड़ा था. दो बाइक सवारों से सिर से बंदूक सटाकर उसको गोली मारी. 4 अक्टूबर 2022 को भारत सरकार ने बशीर को आतंकी घोषित किया था. बशीर कश्मीर में आतंकी घुसपैठ कराता था. घुसपैठ करने वाले आतंकियों के कश्मीर में रहने का बंदोबस्त करता था. बशीर अहमद पीर कश्मीर के कुपवाड़ा का रहने वाला था।

बशीर अहमद की गोली मारकर हत्या की गई
बशीर की हत्या भी उसी तरह की गई जिस तरह कैसर और मिस्त्री को मारा गया था. हर केस में समानता यही है कि बाइक सवार आते हैं और आतंकियों को गोली मारकर चले जाते हैं. 20 फरवरी को बशीर अहमद की गोली मारकर हत्या की गई और 4 मार्च 2023 को NIA ने पाकिस्तान में बैठे इस आतंकी की कुपवाड़ा की संपत्ति जब्त कर ली. बशीर की जमीन पर NIA के अधिकारियों ने जब्ती का बोर्ड लगा दिया।

पाकिस्तान में बैठे तीन बड़े नामों के साथ ही अबसे पहले कई आतंकियों को बाइक सवार मौत के घाट उतार चुके हैं. 19 सितंबर 2022 को नेपाल के काठमांडू में कार से सफेद कपड़े पहने एक शख्स उतरता है और उस पर अचानक गोलीबारी शुरू हो जाती है. कार से उतरा शख्स ISI एजेंट लाल मोहम्मद था. उसकी जान बचाने की कोशिश काम नहीं आई थी. लाल मोहम्मद पाकिस्तान और बांग्लादेश से जाली नोट काठमांडू लाता था. यहां से जाली नोट भारत भेजता था. लाल मोहम्मद की दो अज्ञात बाइक सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

हत्याकांड में बाइक सवार सबसे अहम हैं. ये कोई नहीं जानता की ये बाइक सवार कौन हैं और कहां से आते हैं, किसके लिए काम करते हैं, लेकिन इतना तय है कि ये भारत के दुश्मनों की हत्या कर रहे हैं. 26 फरवरी 2023 को आतंकी सैयद खालिद रजा की कराची में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद 5 मार्च को सैयद नूर शालोबार की खैबर पख्तूनख्वा में गोली मारकर हत्या कर दी गई, लेकिन बाइक सवारों का खौफ सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि कनाडा में भी पसरा हुआ है।

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