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सिंहस्थ से पहले संतों में दो फाड़, शैव-वैष्णव संप्रदाय अलग हुए

December 02, 2025

  • रामादल अखाड़ा परिषद का गठन, महंत रामेश्वरदास बने अध्यक्ष

उज्जैन। स्थानीय अखाड़ा परिषद के भंग होने एक दिन बाद ही इसमें दो फाड़ हो गई है। शैव संप्रदाय और वैष्णव संप्रदाय के संत अलग-अलग हो गए हैं। वैष्णव संप्रदाय के संतों ने रामादल अखाड़ा परिषद का गठन कर महंत रामेश्वरदास को इसका अध्यक्ष बनाया है। सिंहस्थ 2028 के पहले उज्जैन में साधु-संतों के बीच बड़ा मतभेद सामने आया है। रविवार को हुए नाटकीय घटनाक्रम में स्थानीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के इस्तीफे के बाद शेव (शैव) और वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों में स्पष्ट तौर पर दो फाड़ हो गए हैं। वैष्णव अखाड़ों ने अलग होकर नया संगठन रामादल अखाड़ा परिषद बनाने की घोषणा कर दी है। साधु-संतों का कहना है कि अब सिंहस्थ से जुड़े किसी भी मुद्दे पर प्रशासन से बातचीत वे शेव अखाड़ों के साथ नहीं करेंगे, बल्कि अपनी अलग बात रखेंगे।



अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज और महामंत्री हरिगिरि महाराज रविवार को उज्जैन पहुँचे थे। दत्त अखाड़े में महंत आनंदपुरी महाराज की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक में स्थानीय अखाड़ा परिषद को तत्काल प्रभाव से भंग करने का निर्णय लिया गया। बैठक में स्थानीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत रामेश्वर गिरी महाराज, उपाध्यक्ष महंत आनंदपुरी महाराज और प्रवक्ता महंत श्याम गिरी महाराज ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। स्थानीय परिषद के भंग होने की सूचना के बाद मंगलनाथ रोड स्थित श्री पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े में वैष्णव संप्रदाय से जुड़े निर्मोही अणि अखाड़ा, दिगंबर अणि अखाड़ा और निर्वाणी अणि अखाड़ा के महंतों और महामंडलेश्वरों ने बैठक की। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीय अखाड़ा परिषद को पूर्ण रूप से भंग कर नए रामादल अखाड़ा परिषद का गठन किया जाएगा और उसके पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। रामादल अखाड़ा परिषद के संरक्षक भगवान दास ने कहा कि पहले जैसे स्थानीय अखाड़ा परिषद की तरह रामादल अखाड़ा परिषद भी काम करती रहेगी। नया रामादल अखाड़ा बनाया है। शैव अखाड़ों के संतों को असंतुष्ट देखते हुए अखाड़ा परिषद को भंग कर दिया है। आज से शैव सम्प्रदाय से हमारा कोई संपर्क नहीं रहेगा। वैष्णव सम्प्रदाय के तीनों अखाड़े, निर्मोही और दिगंबर और निर्वाणी का रामादल अखाड़ा परिषद का गठन किया। अब आगे कुंभ के लिए प्रशासन के साथ होने वाली बैठकों में रामादल अखाड़ों की ओर से हम जाएंगे। शैव सम्प्रदाय के साथ हमारी बैठक नहीं होगी हमारी अलग करेंगे। रामादल अखाड़ा परिषद में संरक्षक मुनि क्षरणदस, अर्जुनदास, खाकी अखाड़ा, महंत भगवानदास। अध्यक्ष महंत रामेश्वरदास, उपाध्यक्ष महंत काशीदास, रामचंद्रदास, दिगंबर अखाड़ा, हरिहर रसिक खेड़ापति, कोषाध्यक्ष महेशदास और राघवेंद्र दास, मंत्री बलरामदास महाराज और महामंत्री चरणदास, महंत दिग्विजयदास को बनाया गया है।

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