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बंगाल: भाजपा का आरोप पार्टी की दो महिला एजेंटों के साथ हुआ रेप, महिला एजेंट बोली नहीं हुई ऐसी घटना

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के नतीजे(Results) आते ही समूचे राज्य(State) में बीजेपी(BJP) और टीएमसी कार्यकर्ताओं (TMC Workers) के बीच हिंसक झड़पें(Voilance) शुरू हो गईं. अब तक इन हिंसक झड़पों में बीजेपी(BJP) और टीएमसी(TMC) के कई कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. इस दौरान बीजेपी (BJP) ने एक बेहद ही सनसनीखेज आरोप लगाया था कि बीरभूम के नानूर में उनकी दो महिला एजेंटों के साथ गैंगरेप (Gangrape with two female agents) किया गया है.
बीजेपी(BJP) ने इसे लेकर सोशल मीडिया में बेहद अग्रेसिव कैंपेन चलाया और एक महिला की तस्वीर भी शेयर की गई. बीजेपी के मुताबिक, बीरभूम के नानूर में सावता गांव में दो महिलाओं के साथ टीएमसी वर्कर ने गैंगरेप किया. इनमें से एक का नाम अपर्णा दास बताया गया था. लेकिन आरोप लगाने की दूसरे दिन ही बीरभूम जिला अधीक्षक नागेंद्र त्रिपाठी, जिन्हें चुनाव आयोग ने नियुक्त किया था ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खबर को फेक बता दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना हुई ही नहीं है.



उसी दिन रात में बीरभूम में टीएमसी के जिला प्रेसिडेंट अनुब्रतो मंडल ने अपर्णा दास (Aparna Das) को अपने साथ बिठाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें महिला ने कहा कि उसके साथ कुछ नहीं हुआ.
घटना के बाद से अपर्णा दास भाग कर अपने पिता के घर रानीपुर गांव आ गई थी. अपर्णा ने बताया कि चुनाव रिजल्ट आने के बाद रात में टीएमसी के कुछ वर्कर्स उसके घर पहुंचे और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी उसे बेरहमी से पीटा गया और उसे धमकी दी गई कि वह गांव छोड़कर भाग जाओ.
लेकिन अपर्णा ने साफ कर दिया कि उनके साथ रेप जैसी कोई घटना नहीं हुई है. अपर्णा से पूछा कि किसी दबाव में तो यह बात तो नहीं कह रही, तो उन्होंने कहा कि नहीं कोई दबाव नहीं है. उनके साथ रेप नहीं हुआ है.
अपर्णा ने यह भी बताया कि जिस महिला की तस्वीर उनकी दिखाकर बताया गया वह उनकी नहीं है. वह एक पैरे से विकलांग है, जबकि तस्वीर में जो महिला दिखाई गई है वह विकलांग नहीं है.
बीजेपी नेता दिलीप घोष अभी भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि टीएमसी के दबाव में अपर्णा ने सच नहीं बताया. दिलीप घोष के मुताबिक, बीरभूम के कई इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हो रहा है और वह पलायन करने को बाध्य हैं.
टीएमसी के बाहुबली नेता और बीरभूम जिला प्रेसिडेंट अनुब्रतो मंडल ने कहा कि किसी तरह की कोई हिंसा बीरभूम में नहीं हुई है और रेप जैसी घटना तो बिल्कुल नहीं हुई. अगर रेप हुआ होता तो महिला अपने घर में नहीं बल्कि अस्पताल में होती.

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