विदेश

रूस और तालिबान के बीच होने जा रही है बड़ी ‘एनर्जी डील’, जानें क्‍या है ये


काबुल: यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के भयानक युद्ध के बीच लगभग पूरी दुनिया ऊर्जा संकट का सामना कर रही है. कहीं ‘प्राकृतिक गैस’ (Natural Gas) तो कही तेल (Oil) और कोयले (Coal) की कमी से ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा करना चुनौती बन गया है. इसी बीच मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान (Afganistan) के वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) के अधिकारियों ने बताया कि तालिबान प्रशासन अफगानिस्तान के लिए रूस से गैसोलीन (Gasoline)और बेंजीन (Benzene) खरीदने के कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों पर बातचीत के अंतिम चरण में है.

अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय और उद्योग मंत्रालय के प्रवक्ता ‘हबीबुरहमान हबीब’ ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय की अध्यक्षता में एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की ‘मास्को’ यात्रा में अफगानिस्तान ने रूसी निवेशकों से गेहूं, गैस और तेल की खरीद की बातचीत की. यदि यह कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो जाता है. तो रूस का यह विदेशी देशों और तालिबान के साथ व्यापार करने का संकेत होगा.

अधिकारी ने कहा कि रूस गैसोलीन और बेंजीन के समझौते पर लगभग सहमत हैं, उन्हें उम्मीद है कि यह कॉन्ट्रैक्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा. जिस समय ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ अन्य देशों को रूस से तेल न खरीदने की सलाह दे रहा था. उस समय कार्यवाहक वाणिज्य मंत्री के नेतृत्व में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने अगस्त के मध्य में व्यापार के संबंध में बातचीत करने के लिए रूस का दौरा किया था.


पिछले साल अमेरिका द्वारा अपनी उपस्थिति वापस लेने के बाद कट्टरपंथी इस्लामी समूह द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद किसी भी सरकार ने तालिबान की सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है. लेकिन अमेरिका के विरोधी देश रूस, चीन और अन्य देश अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने दूतावास खोल रहे हैं.

अफगानिस्तान के टोलोन्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान पहले से ही रूस से अपना अधिकांश भोजन और तेल प्राप्त करता है और दोनों के बीच $200 मिलियन सालाना व्यापार है. समाचार आउटलेट ने देश के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इनवेस्टमेंट का हवाला देते हुए बताया कि रूस पहले से ही गेहूं और तेल की पेशकश करता है.

तालिबान के कार्यवाहक वाणिज्य और उद्योग मंत्री नूरुद्दीन अज़ीज़ी ने टोलोन्यूज़ को बताया कि जहाँ तक अफ़ग़ान और रूसी बैंक प्रतिबंधों के अधीन हैं, जिसका अर्थ है कि कोई तीसरा देश पैसे के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा. अजीजी ने कहा कि हमारी कुछ तकनीकी टीम अभी भी रूस में है और वह बैंक से रुपये को कैसे ट्रांसफर करे इस विषय मे कार्य कर रही है.

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