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पेट में गैस की समस्‍या से तुरंत निजात दिलाएंगे ये आसान उपाय, आप भी जरूर जान लें

नई दिल्‍ली. आंतों की गैस, पेट फूलना पाचन प्रक्रिया (digestive process) का एक स्वाभाविक हिस्सा है. हमारे आंत्र पथ में रहने वाले जीवाणु सबसे अधिक आंतों की गैस पैदा करते हैं. यह हमारे द्वारा खाए गए भोजन को पचाता है; मुख्य रूप से शुगर, स्टार्च और सेलूलोज. जब इंजेशन शुगर (injection sugar) ठीक से नहीं टूटती है, तो वे छोटी आंत से गुजरते हुए फर्मेंटेड हो सकती हैं और गैस पैदा कर सकती हैं. छोटी आंत के संकुचन इस गैस को बड़ी आंत के माध्यम से आगे बढ़ाते हैं. कई लोग गैस से छुटकारा (relief) पाने के तरीके तलाशते रहते हैं. कुछ फूड्स दूसरों की तुलना में अधिक गैस पैदा करते हैं. फल, सब्जियां, दलिया, बीन्स और मटर जैसे कुछ हेल्दी फूड्स (healthy foods) अक्सर सबसे खराब होते हैं. इन फूड्स में घुलनशील फाइबर की मात्रा अधिक होती है.

फाइबर छोटी आंत में स्टार्च (starch) के पाचन को धीमा कर देता है इस प्रकार बढ़ी हुई गैस को बढ़ावा देता है. हालांकि, फाइबर हेल्दी पाचन तंत्र को बढ़ावा देने, हमारे ब्लड शुगर को रेगुलेट करने और सामान्य कोलेस्ट्रॉल लेवल को बनाए रखने सहित कई लाभ हैं. कई प्राकृतिक, वैकल्पिक स्वास्थ्य उपचार हैं जिन्हें हम आजमा सकते हैं जो आंतों की गैस की शर्मिंदगी को कम करने या समाप्त करने में मदद कर सकते हैं.

पेट की गैस से छुटकारा पाने के आसान उपाय
1. बीन्स, ब्रोकोली, गोभी, शतावरी, कॉफी, अंडे, मछली, मूली, खजूर, अंजीर या कृत्रिम मिठास जैसे फूड्स से बचें – जो गैस को बढ़ावा दे सकते हैं.

2. हाई फैट वाले फूड्स को सीमित करें. फैट पेट और छोटी आंत के माध्यम से फूड्स के पाचन को धीमा कर देती है.

3. दूध और दूध प्रोडक्ट्स से बचें, खासकर अगर आपको संदेह है कि आप लैक्टोज असहिष्णु हैं.


4. भोजन से पहले एक पाचक एंजाइम या पाचक चूर्ण लेने की कोशिश करें ताकि कार्बोहाइड्रेट पाचन में सुधार हो सके.

5. पेट फूलने से राहत पाने के लिए अदरक का रस या गर्म अदरक का पानी उपयोगी माना जाता है.

6. जीरा और सौंफ कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जिनका उपयोग अक्सर सूजन को कम करने और आंतों की गैस को कम करने के लिए किया जाता है.

7. कब्ज, दर्द और अत्यधिक पेट फूलने की समस्या हो तो त्रिफला चूर्ण रात को सोते समय ले सकते हैं.

8. रात को सोते समय एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच घी और एक चुटकी हींग मिलाकर पिएं.

9. नित्य विरेचन, बस्ती जैसे आयुर्वेदिक उपचारों को दशमूल निरुवस्ती के रूप में अपनाया जा सकता है.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव समान्‍य जानकारी के लिए हैं हम इसकी सत्‍यता व सटीकता की जांच का दावा नही करते हैं. कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्‍टर का परामर्श जरूर लें.

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