
नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi)के विधानसभा चुनाव(assembly elections) में इस बार भी भाजपा और आम आदमी पार्टी(BJP and Aam Aadmi Party) में लगभग सीधा मुकाबला होने के आसार (There is a possibility of a direct contest)हैं। कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस काफी कमजोर हुई है और इसका उसे नुकसान हो सकता है। हालांकि, भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट बदलाव के संकेत देती है, ऐसे में पार्टी की तैयारी आक्रामक रूप से चलाने का फैसला किया गया है। भाजपा में सबसे बड़ी दिक्कत नेतृत्व को लेकर आ रही है, क्योंकि उसके पास अभी स्पष्ट नेतृत्व नहीं है।
दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी बड़ा वोट बैंक
दिल्ली की डेमोग्राफी बीते दो दशकों में काफी बदल गई है और अब यहां पर पूर्वांचल, पहाड़ ( उत्तराखंड और हिमाचल), पंजाबी और वैश्य समुदाय काफी अहमियत रखते हैं। इसके अलावा झुग्गी-झोपड़ी और ऑटोरिक्शा वाला एक बड़ा वोट बैंक भी चुनाव के नतीजे को प्रभावित करता है। आम आदमी पार्टी (आप) की सफलता में झुग्गी-झोपड़ी और ऑटोरिक्शा वालों का बड़ा योगदान रहा है। इसके अलावा उसे मुस्लिम मतदाताओं का भी समर्थन मिला है।
कांग्रेस बेहद कमजोर हो रही
दरअसल, कांग्रेस बेहद कमजोर होती गई और उसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिलने लगा। भाजपा नेता पिछले दो चुनाव से कांग्रेस के उभार का इंतजार कर रहे थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में भाजपा की दिक्कतें बढ़ी हैं, क्योंकि अब लगभग सीधा मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच हो गया है। कांग्रेस की जमीनी हालत राजधानी में दिनोदिन खराब होती जा रही है।
भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में एक बड़ा मध्यम वर्ग है जो आम आदमी पार्टी के 10 साल के शासन से निराश है, क्योंकि इस दौरान दिल्ली में विकास का स्तर काफी गिरा है। भाजपा की इस रिपोर्ट की मानें तो यह वर्ग राजधानी में बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार है। ऐसे में भाजपा पूरे जोर-शोर से लगी हुई है और लोगों के साथ बैठकें कर रही है।
अभी भी कई परेशानी
भाजपा की एक बड़ी दिक्कत उसके प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा दोनों का पंजाबी समुदाय से होना है, जबकि दिल्ली की डेमोग्राफी में पूर्वांचल एक बड़ा वर्ग है। इस समुदाय को प्रतिनिधित्व न मिलना भाजपा के लिए समस्या बन सकता है। हाल में ऑटोरिक्शा वालों की आम आदमी पार्टी से नाराजगी देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने अब अपने इस बड़े वोट बैंक को साधना भी शुरू कर दिया है।
26 साल से भाजपा सत्ता से बाहर
पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि दिल्ली में 26 साल से भाजपा सत्ता से बाहर है। पहले तीन चुनाव कांग्रेस और उसके बाद आम आदमी पार्टी लगातार सत्ता में है। इसलिए भाजपा के लिए सत्ता विरोधी माहौल को बनाना काफी आसान है। भाजपा अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव लाने की कोशिश भी कर रही है और प्रदेश के नेताओं को आगे रखकर काम कर रही है।
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