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कैट ने चीनी कंपनी वंदे भारत को ट्रेन परियोजना से अलग करने की गोयल से की मांग

नई दिल्‍ली। लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच जारी तनाव के बीच आम लोगों का भी धीरे-धीरे चीनी सामानों से मोह भंग हो रहा है। वहीं, देशभर के करीब 7 करोड़ कारोबारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) पहले से ही चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ चला रहा है। कैट ने अब केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेज कर वंदे भारत ट्रेन परियोजना से किसी चीनी कंपनी को नहीं जोड़ने की मांग की है।

कैट के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने पीयूष गोयल को भेजे पत्र में कहा कि चीन की कंपनी सीआरआरसी कॉर्पोरेशन इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की खरीद के लिए जारी टेंडर में 6 दावेदारों में से एक है। इसलिए कैट ने रेलमंत्री से ये मांग की है कि इस तथ्य और वर्तमान में चल रही परिस्थितियों को देखते हुए चीनी कंपनी को इस परियोजना में भाग नहीं लेने देना चाहिए, बल्कि इस रेल परियोजना के लिए किसी भारतीय कंपनियों पर ही रेल मंत्रालय को प्राथमिकता देनी चाहिए।

गौरतलब है कि रेलवे ने सेमी हाईस्पीड स्वेदशी ट्रेन 18 परियेाजना को गति देने के लिए एक ग्लोबल टेंडर निकाला है। रेलवे ने इसके तहत 44 ट्रेन सेट को खरीदने की मंशा जताई है। ये परियोजना करीब 1500 करोड़ रुपये की है, जिसमें चीन की एक कंपनी सीआरआरसी कार्पोरेशन भी भाग लेने की प्रक्रिया में है। इसने गुरूग्राम की एक कंपनी के साथ कंसोर्टियम बनाया है, जिसके साथ मिलकर यह ट्रेन सेट के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन किट या प्रोपल्शन सिस्टम की आपूर्ति करना चाहती है।

खंडेलवाल ने आशा व्यक्त की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘लोकल पर वोकल’ और ‘आतमनिर्भर भारत अभियान’ को बढ़ावा देने के लिए रेलमंत्री इस महत्वाकांक्षी और प्रतिष्ठित परियोजना में चीनी कंपनी को भाग लेने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। दरअसल 44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन या ट्रेन के लिए किट भारतीय रेलवे की ये परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया का एक हिस्सा है। (एजेन्सी, हि.स.)

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