नई दिल्लीः कैश फॉर क्वेश्चन मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमिटी ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश लोकसभा स्पीकर से कर दी है. सूत्रों के मुताबिक समिति ने भारत सरकार द्वारा मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच की सिफारिश की है. एथिक्स कमिटी ने महुआ मोइत्रा के दर्शन हीरानंदानी से नकद लेन-देन के मनी ट्रेल की भारत सरकार से जांच की भी सिफारिश की है.
2 नवंबर को हुई पूछताछ के दौरान कमिटी के सभापति द्वारा महुआ से पूछे सवाल तोड़ मरोड़ कर पेश करने, जनता की भावनाएं भड़काने और सभापति, अन्य सदस्यों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए दानिश अली के व्यवहार की कमिटी ने निंदा की है. कमिटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, वो करीब 500 पन्नों की है. बता दें कि यह मामला तब उजागर हुआ जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की थी.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति अपनी मसौदा रिपोर्ट को स्वीकारने के लिए बृहस्पतिवार शाम बैठक कर रही है. बैठक में विपक्षी सदस्यों द्वारा रिपोर्ट की सिफारिशों का पुरजोर विरोध किए जाने की संभावना है. यह जानकारी मिली है कि मसौदा रिपोर्ट में मोइत्रा के आचरण की निंदा की गई है और इसे “अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक” बताया गया है.
समिति ने यह भी कहा है कि सबसे मुखर विपक्षी सदस्यों में से एक, बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली को दो नवंबर को आखिरी बैठक के दौरान मोइत्रा से सोनकर द्वारा पूछे गए सवालों के बारे में ‘तोड़-मरोड़कर बात रखने” के लिए फटकार लगाई जानी चाहिए. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
इस 15 सदस्यीय आचार समिति में भाजपा के सात, कांग्रेस के तीन और बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल के एक-एक सदस्य शामिल हैं. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इसके सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम असहमति नोट सौंपेंगे. कांग्रेस कोटे से समिति की तीसरी सदस्य परनीत कौर हैं, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़ चुके हैं.
बसपा सदस्य कुंवर दानिश अली भी अपना असहमति नोट दे सकते हैं. गत दो नवंबर को समिति की बैठक में मौजूद सभी पांच विपक्षी सदस्य यह आरोप लगाते हुए बैठक से बाहर चले गए थे कि सोनकर ने मोइत्रा की यात्रा, होटल में ठहरने और टेलीफोन पर बात करने के संबंध में उनसे व्यक्तिगत एवं अशोभनीय प्रश्न पूछे थे. वहीं, मोइत्रा ने बैठक के बाद आरोप लगाया था कि उनका एक तरह से ‘‘वस्त्रहरण’’ किया गया. समिति के अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि यह सब तृणमूल कांग्रेस की सांसद को बचाने के लिए किया गया.
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