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पोषक तत्‍वों का खजाना है काजू, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के साथ देता है गजब के फायदें

नट्स और ड्राई फ्रूट्स हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। बादाम और अखरोट की तरह काजू को भी नट्स की श्रेणी में रखा जाता है । जबकि वास्तव में काजू एक बीज है। किडनी के आकर का यह बीज स्वाद और पौष्टिकता में किसी भी ड्राई फ्रूट्स से कम नहीं है

काजू न केवल प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा से भरपूर होते हैं, बल्कि इनमें कई तरह के विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। ये आपके शरीर के कई अलग-अलग तरीकों से फायदेमंद होते हैं। काजू अमेरिका में सबसे ज्यादा लोकप्रिय ड्राई फ्रूट है। बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल (blood sugar control) से लेकर हृदय को स्वस्थ बनाने तक काजू(Cashew) हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है। आइए जानते हैं इसे खाने के कई अन्य फायदे।

ब्लड प्रेशर को करें नियंत्रण-
काजू में बादाम(Almond), मूंगफली और अखरोट जैसे कई अन्य नट्स की तुलना में थोड़ा कम फैट और कैलोरी होती है। काजू की एक सर्विंग में एवरेज लगभग 137 कैलोरी होती है, लेकिन 2019 में न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि मानव शरीर केवल इन कैलोरी का लगभग 84% ही एब्जोर्व कर सकता है।

अमेरिका (America) में 100 मिलियन से अधिक वयस्क हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। 2019 में करंट डेवलप्मेंट इन न्यूट्रीशन के एक अध्ययन के अनुसार, काजू खाने को ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है। काजू का सेवन ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को भी कम करता है। ये रक्त में एक प्रकार का फैट है जो आपके स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, मार्केट में आने वाले कई पैकेज्ड या सॉल्टेड काजू ब्लड प्रेशर को बढ़ा भी सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल को करे कम-



कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) दो प्रकार के होते हैं। एलडीएल, जो धमनियों में हानिकारक फैटी बिल्डअप का कारण बनता है और एचडीएल, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को धमनियों से दूर करके आपके हृदय की रक्षा करता है। 2017 में द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि काजू को अपने आहार में शामिल करने से बेड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। इतना ही नहीं, बल्कि 2018 में जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि काजू से भरपूर आहार गुड एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है-
2019 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन में, टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग, जिन्होंने काजू को अपनी डाइट में शामिल किया, उनमें काजू न खाने वालों की तुलना में इंसुलिन का स्तर कम था। इंसुलिन के स्तर को कम रखने से ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

हार्ट हेल्थ को बूस्ट करता है-
यू।एस। में स्ट्रोक, श्वसन रोग, डायबिटीज और अल्जाइमर सहित हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण है। 2007 में ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि सप्ताह में चार बार से अधिक नट्स खाने वालों के लिए हृदय रोग का खतरा 37% कम था। इसके अलावा, 2018 में जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जब टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों ने 12 सप्ताह तक रोजाना 30 ग्राम कच्चा, अनसॉल्टेड काजू खाया, तो उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं में कमी महसूस हुई। उनका ब्लड प्रेशर कम होने के साथ एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता हुआ नजर आया। काजू मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड का एक अच्छा सोर्स हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं।

कॉपर की अच्छी मात्रा-
कॉपर पूरे शरीर में विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें हृदय गति और ब्लड प्रेशर कंट्रोल, लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन, हड्डियों का विकास, ब्लड वेसल और कनेक्टिव टिशू का विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली का एक्टिवेशन शामिल है। काजू खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कॉपर मिल सकता है।

सेल्स को क्षति पहुंचने से बचाते हैं
नट्स और सीड (Nuts and Seeds) में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। एंटीऑक्सिडेंट वो कम्पाउंड होते हैं जो आपके शरीर में क्षति पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर सकते हैं। इस प्रकार एंटीऑक्सिडेंट शरीर को बीमारी से बचा सकते हैं और सूजन को कम कर सकते हैं। काजू में पॉलीफेनोल्स और कैरोटेनॉइड नामक दो प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। हालांकि, रोस्टेड काजू में कच्चे की तुलना में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

वजन घटाने में मदद-
कुछ लोगों का मानना है कि नट्स खाने से शरीर का वजन बढ़ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। 2017 में न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से नट्स खाते हैं, उनके वजन को मेंनटेन की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक होती है जो नहीं ऐसा नहीं करते हैं। क्योंकि नट्स प्रोटीन, फाइबर और फैट का पावरहाउस है, जो लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं होने देता।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में समझें। कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।

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