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केंद्र की अच्छी पहल है भ्रष्टाचार मुक्त भारत

– सुरेश हिन्दुस्थानी देश को अच्छा वातावरण देने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रणाली की चाह हर किसी को है, क्योंकि भारत में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरे तक घर कर चुकी हैं। यह भी एक बड़ा सच है कि जो भ्रष्टाचार का शिकार होता है, वह अनीति के मार्ग पर कदम बढ़ाने का दुस्साहसिक […]

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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

तारीफ के बुलाया, लेकिन व्यापारियों ने ही कर दी सरकार की बुराई रविवार को भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के सम्मेलन में 25 हजार व्यापारियों को निमंत्रण देने का दावा किया था, लेकिन दो से ढाई हजार व्यापारी भी पूरे नहीं आए। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़, संगठन प्रभारी तेजबहादुरसिंह, नगर अध्यक्ष गौरव […]

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क्रांतिकारी तात्या टोपे: अंग्रेजों ने भीड़ के सामने दी फांसी

– प्रहलाद भारती ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ देश की आजादी के संघर्ष में वीरता, पराक्रम और रणनीति के लिए विख्यात अखंड भारत के पहले स्वाधीनता समर के महानायक क्रांतिवीर तात्या टोपे का जन्म 1814 को येवला ग्राम में मा रुक्मिणी बाई और पिता पाण्डुरंगराव भट्ट येवलेकर के घर पर हुआ था। तात्या का परिवार 1818 […]

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जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की समस्या

– लालजी जायसवाल देश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की समस्या लंबे समय से जस की तस है। जेलों में बंद लगभग 78 प्रतिशत विचाराधीन कैदी हैं। इन पर अपराध साबित नहीं हुआ है। न्यायालयों में इनके मामले लंबित हैं। कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें आरोपितों का लंबा समय जेल में गुजर […]

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अपराध के चरम का अंत

– प्रमोद भार्गव जब किसी कुख्यात और उसके कुनबे के अपराधों पर कानून के राज की व्यवस्था शून्य हो जाए, तब कुदरत उसके अंत की रचना रचती है। अतीक अहमद के अंत की कहानी यही कह रही है। ऐसे अपराधियों को जब संवैधानिक-राजनीतिक सुरक्षा कवच मिल जाए तो अपराध की भूमिका उनके राजनीतिक और आर्थिक […]

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शिक्षा में सृजनात्मकता को अवसर दिया जाए

– गिरीश्वर मिश्र औपचारिक शिक्षा और सृजनात्मकता के आपसी सम्बन्ध समाज के वर्तमान और भविष्य के निर्माण के साथ गहनता से जुड़े हुए हैं । शिक्षा में सृजनात्मकता कितनी बची रहेगी और समाहित होगी इस बात पर देश का ही नहीं बल्कि सारी मनुष्यता का भविष्य निर्भर करता है। शिक्षा सृजनात्मकता के साथ शब्द और […]

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लोकसभा चुनाव में क्या राम मंदिर बनेगा मुद्दा?

– आर.के.सिन्हा आगामी सितंबर में राष्ट्रीय राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन के फौरन बाद से ही देश में 2024 के लोकसभा चुनाव की हलचल तेज होने लगेगी। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर के द्वार दुनिया भर के राम भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार […]

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इतिहासबोध राष्ट्रबोध का आधार

– हृदयनारायण दीक्षित राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं की पुस्तकों में कतिपय संशोधन किए गए हैं। इन पुस्तकों में बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक पाठ्यक्रम बनाए जाते हैं। विषय विशेषज्ञों की समिति विचार करती है। अन्य विषय की पुस्तकों में भी संशोधन हुए हैं। लेकिन इतिहास की पुस्तकों में […]

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एनकाउंटर पर सवाल क्यों ?

– प्रभुनाथ शुक्ल उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति ने अतीक जैसे माफिया को घुटनों के बल आने पर मजबूर कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि पूरे देश में एक अलग तरह के तटस्थ शासक के रूप में उभरी है। अपराधियों में मुख्यमंत्री की इस नीति को […]

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चंपारण सत्याग्रह के 106 साल, जिसने दिखाई आजादी की राह

– आनंद प्रकाश भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में चंपारण सत्याग्रह का प्रमुख महत्व है। यही वह सत्याग्रह है, जिसने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बना दिया। और यही वो सत्याग्रह है जिसने भारत को आजादी की राह दिखाई। 15 अप्रैल, 1917 को गांधी के मोतिहारी आगमन के बाद बिना किसी धरना, प्रदर्शन व […]