
नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 17.91 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी (17.91 Crore Loan Fraud) करने के आरोप में (In the Charge of) पूर्व बैंक प्रबंधक और तीन अन्य के खिलाफ (Against Former Bank Manager and Three Others) प्राथमिकी दर्ज की (Registered FIR) ।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एम.पी. नागर 2013 से 2014 के बीच तत्कालीन स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे) में रिलेशनशिप मैनेजर ऑफ मीडियम एंटरप्राइजेज (आरएमएमई) पद पर थे और ठाणे, बेलापुर, पनवेल, घाटकोपर तथा मुंबई के अन्य क्षेत्रों में मध्यम उद्योगों के लिए ऋण की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
नागर ने कथित तौर पर जेएमबीबी बिजनेस के अश्विनी अग्रवाल तथा मनोज कुमार, मीना बाहेती तथा कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची और संपत्ति के बढ़े हुए मूल्यांकन के आधार पर जेएमडी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 17.91 करोड़ रुपये का लोन दिलाया। कुमार और बाहेती की संलिप्तता से नागर को अग्रवाल से पांच लाख रुपये की अवैध रिश्वत मिली।
अधिकारी ने कहा, “यह ऋण नागर की सिफारिश के आधार पर 2014 में स्वीकृत किया गया था। उन्होंने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर संपत्ति के मूल्यों को कृत्रिम रूप से बढ़ा दिया। इसके बाद ऋण निधि को डायवर्ट कर दिया गया और स्टॉक का निपटान कर दिया गया, जिससे एसबीबीजे बैंक को नुकसान हुआ। परिणामस्वरूप, ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में बदल गए।”
नागर को 5 मई, 2021 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके आधार पर, सीबीआई ने अब आईपीसी की धारा 120-बी के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 8 और 12 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। मामले की आगे की जांच जारी है।
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