इंदौर न्यूज़ (Indore News)

खूनी संघर्ष में गुड्डू समर्थक 9 कांग्रेसियों के खिलाफ चालान पेश


पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा तक बढ़ा दी, जबकि मेडिकल रिपोर्टों में विरोधाभास
इंदौर। सांवेर विधानसभा उपचुनाव के चलते लसूडिय़ा क्षेत्र में दो माह पहले कांग्रेसियों व भाजपाइयों के बीच खूनी संघर्ष के मामले में पुलिस ने प्रेमचंद गुड्डू के समर्थक 9 कांग्रेसियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा तक बढ़ा दी, जबकि दो अस्पतालों की रिपोर्टों में चोटों को लेकर विरोधाभास है।
सूत्रों के अनुसार सांवेर उपचुनाव के चलते 1 अक्टूबर 2020 को लसूडिय़ा थाना के रविदासनगर क्षेत्र में कांग्रेसियों व भाजपाइयों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था। इस मामले में भाजपाई श्रीकृष्ण मालवीय ने थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसके घर के सामने रहने वाले कांग्रेसी लीलाधर जायसवाल व उसके परिजनों ने उसे तब रोका जब वह अपने अपने साथियों के साथ भंडारे में जा रहा था। उन्होंने उसे जातिसूचक शब्द कहकर मारा-पीटा। भाजपाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने लीलाधर जायसवाल व उसके दो पुत्रों हर्ष एवं आदर्श जायसवाल व पुत्री रानी उर्फ श्रद्धा के अलावा उसके पिता लक्ष्मीचंद, मां ताराबाई, भाई जगदीश, भाभी सविताबाई पर बलवा, घर में घुसने, मारपीट व धमकाने के इल्जामों में केस दर्ज किया था। मामले में लसूडिय़ा पुलिस ने अब लीलाधर जायसवाल सहित 9 मुलजिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 व 325 में हत्या व घातक चोट पहुंचाने के जुर्म की धाराओं का इजाफा कर कोर्ट में जज रेणुका कंचन के समक्ष चालान पेश किया। इस दौरान जेल में बंद लीलाधर व आदर्श तो वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश नहीं हुए, जबकि शेष 7 मुलजिम खुद कोर्ट में पेश हुए थे। इन्हें हाईकोर्ट व ट्रायल कोर्ट से जमानत मिली हुई थी, जबकि लीलाधर व उसके पुत्र को अभी तक जमानत नहीं मिली। कोर्ट में सुनवाई के दौरान लीलाधर व आदर्श की नियमित जमानत पर सुनवाई हुई, जबकि शेष मुलजिमों ने दोबारा नए सिरे से जमानत के लिए अर्जियां दी थीं। उनका तर्क था कि वे गुड्डू के पक्ष में वोट नहीं डाल पाएं, इसलिए उन पर फर्जी मुकदमा कायम कराया गया है। मजेदार बात यह है कि मामले में एक व्यक्ति महेश जोशी घायल हो गया था। उसके सिर में चोट आई थी। भंडारी अस्पताल की रिपोर्ट में उसे कोई फ्रैक्चर नहीं होना बताया गया था, जबकि महेश जोशी ने बाद में गोकुलदास अस्पताल में इलाज कराया तो उसे मेक्जिला व नेजल बोन में हड्डी टूटना बताया गया था। मुलजिमोंं ने रिपोर्ट में विरोधाभास का हवाला देते हुए नए सिरे से जमानत मांगी थी। जज ने रिपोर्टों में विरोधाभास होने व पूर्व में सात मुलजिमों को पहले भी जमानत मिलने से लीलाधर, आदर्श सहित 9 मुलजिमों की जमानत मंजूर करते हुए उन्हें 25 हजार की जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया है। जमानत मिलने के बाद अब लीलाधर व उसका पुत्र आदर्श भी जेल से छूट गए हैं। शेष परिजनों को पहले ही जमानत मिल गई थी। मामले में अब अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी। उस दिन इल्जामों पर दलीलें पेश होंगी। गौरतलब है कि इस खूनी संघर्ष में मुलजिम जायसवाल परिवार के घरवालों की रिपोर्ट पर भी पुलिस ने फरियादी पक्ष के दो लोगों श्रीकृष्ण व हरीश मालवीय के खिलाफ काउंटर रिपोर्ट दर्ज की थी। इल्जाम था कि दोनों मुलजिमों ने लीलाधर के घर पर डंडे बजाए और उसके पुत्र हर्ष को सडक़ पर पीटा था।

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