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ऑस्कर में जाने से विवादों में घिरी ‘छेलो शो, जानिए क्‍या है आरोप

मुंबई। डायरेक्टर पान नलिन (Pan Nalin) की गुजराती फिल्म (Gutrati Film) ‘छेलो शो’ (Chhello Show) को कुछ समय पहले ही ऑस्कर (Oscar) के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में चुना गया है। इसके बाद से ही अचानक फिल्म को लेकर काफी चर्चा शुरू हो गई है,जहां एक ओर कुछ लोग इससे खुश हैं, वहीं, कई लोग ऐसे भी जिन्होंने इस पर हंगामा खड़ा कर दिया है। ब फिर से फिल्म को लेकर एक नया विवाद सामने आ गया है। स बार FWICE ने इसका विरोध किया है।

आपको बता दें कि पैन नलिन (pan pipe) की गुजराती फिल्म ‘छेलो शो’ (द लास्ट शो) को अगले साल होने वाले ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भारत की तरफ से आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजने पर विवाद हो गया है। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआईसीई) ने इस फिल्म को न सिर्फ एक विदेशी फिल्म बताया है बल्कि इसे एक अन्य विदेशी फिल्म ‘सिनेमा पैराडिसो’ की नकल भी बताया है। वहीं, ये पूरी प्रक्रिया संचालित करने वाली फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने चयन प्रक्रिया को बिल्कुल दुरुस्त बताया है। लेकिन, एफएफआई के फिल्म ‘छेलो शो’ को ‘सिनेमा पैराडिसो’ से प्रेरित होने की संभावना भी जता देने से ये फिल्म ऑस्कर चयन के पहले ही दौर से बाहर हो सकती है।

ऑस्कर पुरस्कारों के लिए सबसे बड़ी कसौटी फिल्म की यही होती है कि फिल्म का विचार मूल होना चाहिए और पुरस्कारों के लिए प्रतियोगिता में शामिल हो रही कोई भी फिल्म किसी दूसरी फिल्म की न तो नकल होनी चाहिए औऱ न ही किसी दूसरी फिल्म से प्रेरित होनी चाहिए। इसी के चलते हिंदी फिल्म ‘गली बॉय’ को स्क्रूटनी में ही बाहर कर दिया गया था क्योंकि इसे अंग्रेजी फिल्म ‘8एमएम’ से प्रेरित माना गया था। यही गलती ऑस्कर के लिए फिल्म चुनने वाली फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी ने इस बार भी कर दी लगती है। एफडब्लूआईसीई ने इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को एक पत्र लिखकर फिल्म के चयन में हुई कथित अनियमितताओं की शिकायत की है।



खबरों की माने तो शिकायत बताया कि लो शो’ न सिर्फ एक विदेशी कंपनी की बनाई फिल्म है बल्कि इसका प्रदर्शन बीते साल ही हो चुका है। विकिपीडिया पर भी फिल्म के ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में पहले प्रदर्शन की तारीख 10 जून 2021 लिखी है। एफडब्लूआईसीई का आरोप ये भी है कि ये फिल्म विदेशी फिल्म ‘सिनेमा पैराडिसो’ से प्रेरित है। इन आरोपों पर एफएफआई के अध्यक्ष टी पी अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया शनिवार को जाहिर की। अग्रवाल ने ज्यूरी के फैसले को सही बताया है,हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि फिल्म ‘छेलो शो’ कथित फिल्म की नकल नहीं है, हां उससे प्रेरित हो सकती है।

गौरतलब है कि फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी हर साल देश की सारी भाषाओं की चुनिंदा फिल्मों में से किसी एक फिल्म को ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजती है। इस साल ज्यूरी ने निर्देशक पैन नलिन की फिल्म ‘छेलो शो’ को भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना है। ये फिल्म एक किशोर के सिल्वर स्क्रीन के सपनों की कहानी कहती है। बीते साल अक्तूबर में इस फिल्म को वालाडोलिड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का गोल्ड स्पाइक अवार्ड मिल चुका है।

फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआईसीई) ने इस पूरे मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है और ये भी कहा है कि देश की नुमाइंदगी करने वाली फिल्म के चयन का अधिकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय को अपने हाथ में ले लेना चाहिए। यहां ये जानना भी दिलचस्प है कि फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष टी पी अग्रवाल और एफएफआई के चयन के खिलाफ शिकायत पर दस्तखत करने वालों में शामिल फिल्म निर्देशकों की संस्था इफ्टडा के अध्यक्ष अशोक पंडित हिंदी फिल्म जगत के दो परस्पर विरोधी खेमों की नुमाइंदगी करते हैं। हाल ही में हुए फिल्म निर्माताओं की संस्था इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के चुनाव में अशोक गुट ने टी पी अग्रवाल को इसके अध्यक्ष पद से हटा दिया था।

इस साल ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में जाने के लिए जिन दो फिल्मों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं चलती रही हैं, उनमें तेलुगू फिल्म ‘आरआरआर’ और हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ मुख्य रूप से सबसे आगे रही हैं। इन दोनों फिल्मों के निर्देशक एस एस राजामौली और विवेक अग्निहोत्री केंद्र में सत्तासीन दल भारतीय जनता पार्टी के करीबी रहे हैं। फिल्म ‘छेलो शो’ के चयन पर सवाल उठाने वालों में प्रमुख रूप से शामिल अशोक पंडित घोषित रूप से बीजेपी समर्थक रहे हैं।ऑस्कर के लिए भेजी गई फिल्म का ये मुद्दा आने वाले दिनों में राजनीतिक रंग भी ले सकता है।

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