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ताइवान की सीमा में घुसे चीनी लाड़ाकू विमान, आखिर US से क्यों दोस्ती कर रहा ‘ड्रैगन’?

नई दिल्ली: चीन (china) फिर ताइवान (Taiwan) पर सैन्य (military) दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने इस बाबत जानकारी दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका-चीन वार्ता फिर से शुरू होते ही बीजिंग (Bijing) ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ाया है.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे के बीच द्वीप राष्ट्र के चारों ओर एसयू -30 लड़ाकू विमानों और छह नौसेना जहाजों सहित 33 विमान भेजे. भेजे गए 33 विमानों में से 13 युद्धक विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य को पार किया. जलडमरूमध्य ताइवान और चीन के बीच एक अनौपचारिक सीमा है.

ताइवान की स्वतंत्रता पर क्या बोला चीन
अल जजीरा के अनुसार चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि ताइवान की स्वतंत्रता चीन-अमेरिका संबंधों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. चीनी विदेश मंत्री ने शनिवार को बैंकॉक में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की. इसपर व्हाइट हाउस ने कहा कि अधिकारियों के बीच हुई बैठक दोनों देशों के बीच बातचीत की खुली लाइनें बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा थी.


अल जजीरा के अनुसार बैंकॉक में हुई बैठक के दौरान सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि वैसे तो अमेरिका और चीन एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं, लेकिन दोनों देशों को संघर्ष या टकराव से दूर रहने की जरूरत है. चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग ने सुलिवन के साथ बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है. ताइवान में हुए क्षेत्रीय चुनाव से यह सिद्ध नहीं होता कि ताइवान चीन का हिस्सा नहीं है. ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा तथाकथित ‘ताइवान स्वतंत्रता’ आंदोलन है.

बाइडेन और जिनपिंग की हुई थी मुलाकात- रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के ठीक दो महीने बाद इन दोनों नेताओं की बैठक हुई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने ‘सैन फ्रांसिस्को बैठक में बनी सहमति को लागू करने और चीन-अमेरिका संबंधों को लेकर जानकारी दी है. चीन ने अपने बयान में कहा- फ्रांसिस्को में महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों को ठीक से संभालने पर चीन और अमेरिका के बीच स्पष्ट, ठोस और उपयोगी रणनीतिक वार्ता हुई है.

बता दें कि ताइवान में हाल ही में चुनाव हुए हैं, जो बाइडेन ने ताइवान में मतदान होने के दो दिन बाद ताइवान के नेता लाई को बधाई देने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था. हाल ही में ताइवान के चुनाव में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीडीपी) को तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है. डीपीपी ताइवान पर चीन के दावे का प्रतिरोध करती है. इस सप्ताह दो अमेरिकी सांसदों ने स्व-शासित द्वीप के लिए वाशिंगटन के समर्थन की पुष्टि करने के लिए ताइवान के नए नेता लाई चिंग-ते से मुलाकात की.

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