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बिहार में महागठबंधन की हार का कारण बनी कांग्रेस, पार्टी में कलह

पटना । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के नतीजे आने के बाद सबसे अधिक कलह कांग्रेस (Congress) के भीतर मचा हुआ है. कांग्रेस पार्टी के अब आला नेता ही खुलकर सामने आ गए हैं और चुनाव में हार का ठीकरा प्रदेश नेतृत्व पर लगाने के साथ-साथ बदलाव की मांग की है.

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 सीटों पर सिमट जाने के बाद पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण ही महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई और ऐसे में उनकी पार्टी को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उससे चूक कहां हुई?वहीं, कांग्रेस पार्टी के मात्र 19 विधायकों ने इस बार चुनाव में जीत हासिल की है. जिसके बाद से पार्टी के अन्दर ही भीतरघात की स्थिति बनी हुई है.

तारिक अनवर ने नीतीश कुमार पर तंज कसा और कहा कि आखिर बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी? असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटें जीती हैं. एक ओर जहां राजद बिहार में छोटे दलों को साथ लाकर सरकार बनाने का रास्ता तलाश रही है, वहीं गठबंधन की हिस्सेदार कांग्रेस के नेता तारिक अनबर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बिहार में एआईएमआईएम का उभार शुभ संकेत नहीं है. महागठबंधन को कतई उनका समर्थन नहीं लेना चाहिए.

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाया और कहा कि बिहार में कांग्रेस की हार का सबसे बडा कारण उम्मीदवारों के चयन में हुई गलतियां हैं. इसके साथ ही कहा कि प्रचार और कमान संभालने में चुक भी हार की बडी वजह है, यही कारण है कि पार्टी में फिलहाल बडे बदलाव की जरूरत है. तारिक अनवर ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है. उसमें उन्होंने लिखा, हमें सच को स्वीकार करना चाहिए. कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया. कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन जरूर करना चाहिए कि उस से कहां चूक हुई? ओवैसी की बिहार में एंट्री शुभ संकेत नहीं है.

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वो आलाकमान के सामने पार्टी के अंदर हो रही सारी चीजों को रखेंगे. उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला करने से पहले बिहार में अपने शीर्ष नेतृत्व, चुनाव उम्मीदवारों, हमारी ज़िला कांग्रेस समितियों के साथ चर्चा करेंगे और हाई कमान को अवगत कराएंगे. तारीक अनवर ने कहा कि भले ही भाजपा गठबंधन येन केन प्रकारेण चुनाव जीत गया, मगर सही में देखा जाए तो ‘बिहार चुनाव हार’ गया. इस बार बिहार परिवर्तन चाहता था. 15 वर्षों की निकम्मी सरकार से छुटकारा और बदहाली से निजात चाहता था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की मेहरबानी रही तो नीतीश जी इस बार अंतिम रूप से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

देखते हैं कि बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी?इधर, महागठबंधन के नेता ही नहीं बल्कि सरकार बनाने वाल जदयू ने भी माना है कि महागठबंधन की हार कांग्रेस की वजह से ही हुई है. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि तारिक अनवर के बयान के बाद से कांग्रेस के अंदर का कलह खुलकर अब सामने आ गया है. उन्होंने तारिक अनवर के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता ने जो कुछ भी कहा है वो बिल्कुल सही है और महागठबंधन को हार सिर्फ कांग्रेस की वजह से ही मिली है.

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजग 125 सीटें हासिल करके एक बार फिर से सरकार बनाने जा रहा है. राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन को 110 सीटों से ही संतोष करना पडा. इस महागठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लडने वाली कांग्रेस को इस बार मात्र 19 विधायक जीत कर आये हैं, जो कि पिछली बार के 27 विधायकों से 8 कम हैं. ऐसे में अब पार्टी के अंदर ही भीतरघात की स्थिति बनी हुई है. चुनाव में मिली हार को लेकर कांग्रेस में मंथन का भी दौर शुरू हो चुका है.

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