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कांग्रेस को मिली संजीवनी, खजाने में आया पैसा, अब पदाधिकारियों से है बकाया वसूली की तैयारी


जयपुर: राजस्थान कांग्रेस संगठन (Rajasthan Congress Organization) को संजीवनी मिल गई है. बीते लंबे समय से आर्थिक तंगी से गुजर रही पीसीसी की माली हालत अब सुधरने लगी है. लंबे समय बाद डिजिटल सदस्यता अभियान के जरिये संगठन के पास करीब पौने दो करोड़ रुपये की राशि आई है. इससे अब पार्टी ग्रासरूट लेवल तक संगठन को मजबूती देने की मुहिम शुरू कर सकेगी. वहीं पार्टी फंड में अभी और राशि आने की भी उम्मीद बंधी है. इससे संगठन के आर्थिक स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है. सदस्यता अभियान के शुल्क से पार्टी के फंड में करीब 2 करोड़ की राशि आनी है. इसमें से ज्यादातर पैसा पार्टी फंड में जमा हो चुका है जबकि कुछ बकाया राशि अभी जमा होना शेष है.

कांग्रेस पार्टी पिछले काफी समय से इस मुद्दे को उठा रही है कि इलेक्टोरल बांड के जरिए चुनावी चंदे का फायदा देश की केवल एक ही पार्टी को मिल रहा है और कांग्रेस समेत ज्यादातर राजनीतिक दलों का खजाना खाली पड़ा है. राजस्थान में भी कांग्रेस पिछले काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रही थी. जनप्रतिनिधियों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी के खजाने में हर साल एक निश्चित शुल्क जमा करवाना होता है. लेकिन लंबे समय से यह राशि बकाया चली आ रही थी. अब इसका तोड़ निकाला गया है.

मंत्रियों और विधायकों देनी होती है एक माह की तनख्वाह
संगठन ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जरिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी मंत्रियों और विधायकों के सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर करवाए. इस सहमति-पत्र के अनुसार साल में 1 महीने की तनख्वाह सीधे मंत्री या विधायक के खाते से कटकर पीसीसी के खाते में जमा हो जाएगी. ये प्रक्रिया इस बार मार्च महीने में पूरी हो गई और इससे प्रदेश कांग्रेस को करीब 63 लाख मिल भी गए हैं. मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिश के अनुसार मंत्री-विधायकों को साल में अपने एक माह का वेतन पार्टी फंड में देना होता है. यानि वर्तमान में विधायक को 40 हजार, राज्यमंत्री को 62 हजार और कैबिनेट मंत्री को 65 हजार पार्टी फंड में देने होते हैं.


चुनाव तक जमा होंगे 3-4 करोड़ रुपये
मंत्रियों और विधायकों से पैसा जमा करने के बाद अब पार्टी पंचायतीराज और स्थानीय निकाय के जनप्रतिनिधियों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों से भी बकाया वसूली की तैयारी में है. वहीं सदस्यता अभियान का टारगेट भले ही पूरा नहीं हुआ हो लेकिन यह पार्टी के लिए संजीवनी साबित हुआ है. पार्टी ने डिजिटल मेंबरशिप अभियान में करीब 20 लाख मेंबर बनाए हैं. इससे पार्टी को करीब 1 करोड़ रुपये मिले. वहीं ऑफलाइन मेंबरशिप के जरिए भी पार्टी को करीब 75 लाख मिल चुके हैं.

कांग्रेस चुनाव आने तक खजाने में पर्याप्त राशि एकत्रित कर लेगी
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में चुनाव आने तक पार्टी के खजाने में अच्छी खासी राशि होगी. पार्टी का कामकाज बिना किसी बाधा के चले और संगठन का काम रफ्तार पकड़े इसके लिए पार्टी के खजाने में पैसा होना जरुरी है. पिछले कुछ समय से पार्टी आर्थिक तंगी से जूझ रही थी. लेकिन अब पार्टी का खजाना भरने लगा है. हालांकि अभी तक जमा हुई राशि ऊंट में मुंह में जीरे के समान है लेकिन पार्टी को विश्वास है कि वो चुनाव आने तक खजाने में पर्याप्त राशि एकत्रित कर लेगी.

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